जम्मू कश्मीर: 30 राजनीतिक बंदियों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया, पुलिस पर गलत बर्ताव का आरोप
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की राजधानी में 30 राजनीतिक बंदियों को रविार दोपहर एमएलए हॉस्टल में भेज दिया गया है। इन सभी को शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में पांच अगस्त को उस समय से ही नजरबंद रखा गया था जब केंद्र सरकार ने राज्य से आर्टिकल 370 को हटाने का ऐलान किया था। इन सभी बंदियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके साथ गलत बर्ताव किया है।
महबूबा की बेटी ने लगाया पुलिस पर आरोप
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की तरफ से दावा किया गया है कि जिस हॉस्टल में बंदियों को रखा गया था वहां पर हीटर जैसी कोई सुविधा नहीं थी। बंदियों को दूसरी जगह भेजने की यह एक अनाधिकारिक वजह है और इसकी वजह से काफी विरोध प्रदर्शन भी हुआ था। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) की तरफ से दावा किया गया है कि इसके मुखिया सज्जाद लोन के साथ सुरक्षा जांच के दौरान पुलिस ने काफी बुरा बर्ताव किया। श्रीनगर के डीएम शाहिद चौधरी की तरफ से इस पूरे मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। वहीं, श्रीनगर के एसएसपी (सिक्योरिटी) इम्तियाज हुसैन ने इन दावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा, 'कुछ जरूरी ड्रिल थीं जिन्हें फॉलो करना बहुत जरूरी था और हमनें बस उसका ही पालन किया है। किसी के साथ भी गलत बर्ताव इस दौरान नहीं हुआ है।' उन्होंने इसके बाद अपने ट्विटर हैंडल पर भी इसी तरह का एक ट्वीट किया। पीडीपी की चीफ और पूर्वमुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्तर ने ट्वीट किया कि सज्जाद लोन के अलावा सीनियर पीडीपी लीडर वाहीद पारा और जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के मुखिया शाह फैसल के साथ शिफ्टिंग के दौरान गलत बर्ताव किया गया।