भारत में 30 समूह कर रहे कोरोना वैक्सीन पर काम, 20 ग्रुप का काम प्रगति पर हैं: राघवन
भारत में 30 समूह कर रहे कोरोना वैक्सीन पर काम, 20 ग्रुप का काम प्रगति पर हैं: राघवन
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन की तैयार करने का काम तेजी से काम चल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, कोविड-19 के लिए संभावित 124 वैक्सीन हैं। जिनमें से 10 क्लिनिकल ट्रायल के स्तर पर हैं। जबकि भारत में 6 महीने में शुरू होने की उम्मीद है। वहीं गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस से बचाव लिए वैक्सीन और दवाइयों को लेकर गुरुवार एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
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जिसमें बताया गया कि अधिकतर वैक्सीन और दवाइयां हमारे देश में बनती हैं और दूसरे देशों में निर्यात की जाती हैं। प्रेस वार्ता में भारत सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रोफेसर के विजय राघवन ने वैक्सीन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई कि इस समय देश में 30 समूह इस पर काम कर रहे हैं. इसमें बड़ी इंडस्ट्री के साथ ही व्यक्तिगत शिक्षाविद भी शामिल हैं। इसमें से 20 की गति काफी अच्छी है।
There are about a total of 30 groups in India, big industry to individual academics, who are trying got develop vaccines, of around 20 are keeping a good pace: Principal Scientific Advisor (PSA) to the Government of India Prof K. Vijay Raghavan pic.twitter.com/gWQOS4kCPY
— ANI (@ANI) May 28, 2020
उन्होंने ये भी बताया कि वैक्सीन को तैयार करने की पूरी प्रक्रिया में 10-15 साल का समय लगता हैं और उसमें 2-3 मिलियन डॉलर का खर्च आता है। लेकिन इस कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते इसके लिए तैयार की जा रही वैक्सीन का काम 1 साल के अंदर पूरा करने की कोशिश की जा रही है, यहीं कारण हैं कि 2-3 बिलियन डॉलर का खर्च आ रहा है। प्रोफेसर राघवन ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए हमें 5 काम करने आवश्यक हैं इसमें सफाई, सरफेस की सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग, ट्रैकिंग और टेस्टिंग शामिल हैं।
राघवन ने कहा वैक्सीन में हम टॉप क्लास हैं दुनिया में जो बच्चों को स्टैंटर्ड तीन वैक्सीन लगती हैं उनमें से दो भारत में बनती हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर वैक्सीन और दवाइयां हमारे देश में बनती हैं और दूसरे देशों में जाती हैं। इस बीमारी में हर किसी तक वैक्सीन पहुंचना बड़ी चुनौती है। वैक्सीन आने के बाद किसी स्विच के जरिए ये एक बार में सबके पास नहीं पहुंच सकती। मालूम हो कि दुनिया भर में इस समय दुनिया में 100 से ज्यादा वैक्सीन पर काम चल रहा है।
वहीं प्रोफेसर राघवनन ने कोरोना संबंधी दवाओं के लिए कहा कि दवाएं केमिकली तौर पर काम करती हैं और ऐसी दवा बनाना जो सिर्फ वायरस को नष्ट करे और शरीर को नुकसान न पहुंचाए तो ये वैज्ञानिकों के लिए बड़ा ही मुश्किल काम है ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए दवा बनाना एक कड़ी चुनौती हैं इसलिए वैक्सीन की तरह दवा को तैयार करने में भी काफी समय लगता है। उन्होंने ये भी बात साक्षा की कि अब तक कई प्रयास असफल हो चुके हैं।
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