नाइजीरिया में हिमाचल प्रदेश के तीन युवक बंधक, सुषमा से मांगी गई मदद
इराक के मोसूल शहर में आईएसआईएस के आंतकियों की ओर से मारे गये भारतीयों के बाद अब नाइजीरिया में हिमाचल प्रदेश के युवकों को बंधक बनाये जाने की खबर सामने आई है। बंधक बनाये गये हिमाचली युवकों ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मदद मांगी है। लेकिन अभी तक कोई जवाब उन्हें नहीं मिला है।
शिमला। इराक के मोसूल शहर में आईएसआईएस के आंतकियों की ओर से मारे गये भारतीयों के बाद अब नाइजीरिया में हिमाचल प्रदेश के युवकों को बंधक बनाये जाने की खबर सामने आई है। बंधक बनाये गये हिमाचली युवकों ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मदद मांगी है। लेकिन अभी तक कोई जवाब उन्हें नहीं मिला है। मोसुल में बड़े पैमाने पर हुए कत्लेआम के बाद अब इन युवकों के परिजनों की हिम्मत भी जवाब दे गई है। व यह लोग परेशान हैं। नाइजीरिया में बंधक बनाए गए यह तीनों युवक हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के हैं और ये तीनों ही रोजी-रोटी की तालाश में विदेश गये थे।
मांगी गई फिरौती
इन युवकों में जिला कांगड़ा के नगरोटा सूरियां का सुशील भी शामिल है। मर्चेंट नेवी में तैनात सुशील पिछले 13 साल से अलग-अलग कंपनियों के साथ काम कर रहा है। लेकिन पिछले दिनों अचानक उनके शिप को नाइजीरिया में हाईजैक कर लिया गया है। जिसमें उसके साथ अजय कुमार और पंकज कुमार दो युवक भी फंस गए हैं। इन सभी को एक जंगल में बंधक बना कर रखा गया है। इसके पीछे किस संगठन का हाथ है,इस बारे में अभी पता नहीं चल पाया है। यह जानकारी खुद सुशील ने अपने परिजनों को फोन पर बताई है। सुशील की अपने घरवालों से आखिरी बार बात 31 जनवरी 2018 को हुई थी। परिजनों को लग रहा था, कि शायद उनका बेटा जल्द छूट जायेगा। लेकिन अब अब उनका धैर्य जवाब दे रहा है। उन्हें आशंका है कि कहीं उनके बेटे व उसके साथियों के साथ भी कोई अनहोनी न हो गई हो।
सुषमा से मदद का इंतजार
सात मार्च को सुशील के घर पर एक सेटेलाइट कॉल आई, जिसमें सुशील ने अपना घटनाक्रम घरवालों को बताया। इस कॉल के 3 दिन बाद फिर से उसने घर पर फोन किया, जिसमें उसने लुटेरों द्वारा मांगी जा रही 11 मिलियन नायरा यानि 20 लाख रुपए की फिरौती के बारे में बताया। परिजनों ने इसके बारे में सुशील की कंपनी के मालिक से बात की, जहां वो काम करता था। उन्होंने कहा कि वो समुद्री लुटेरों के संपर्क में है और उन्हें पैसे दे देंगे। इस घटना के बाद सुशील के घर वाले काफी परेशान हैं। वहीं सुशील के परिवार ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह उनको वहां से सुरक्षित भारत ले आए। सुशील के भाई अमित धीमान ने सुषमा स्वराज को भी ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है, लेकिन अभी तक उनको सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है।