तीन संस्कृत डीम्ड विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने की मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने तीन संस्कृत डीम्ड विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने को भी मंजूरी दे दी है। इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों के विधेयक को संसद में पेश करने की मंजूरी दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
बैठक के बाद जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि कैबिनेट ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक को मंजूरी दे दी। इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके तहत संस्कृत के तीन डीम्ड विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में परिवर्तित किया जायेगा। जावड़ेकर ने कहा कि संस्कृत के लिये पहली बार केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है जो कि एक अच्छी पहल है।
नागरिकता संशोधन बिल को भी मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नागरिकता संशोधन बिल को भी मंजूरी दे दी। कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा। पूरी संभावना है कि इस बिल को इसी हफ्ते लोकसभा में पेश किया जाएगा।
इस बिल के कानून बन जाने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए 6 धर्मों यानी हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म मानने वाले अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत में नागरिकता मिल सकेगी। इससे पहले भी संसद में इस बिल को रखा जा चुका है, हालांकि ये बिल राज्यसभा में पास नहीं हो सका था।
केद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "इस बिल के प्रावधान जैसे स्पष्ट होंगे सभी लोग इसका स्वागत करेंगे क्योंकि ये राष्ट्रीय हित में है और प्राकृतिक न्याय के हित में है और किसी के खिलाफ नहीं है।"