#2GScamVerdict: ए राजा ने करुणानिधि को लिखा इमोशनल लेटर, कहा-आप ना होते तो मैं टूट गया होता...
नई दिल्ली। 2जी घोटाले केस में बाइज्जत बरी होने के बाद इस केस के मुख्य आरोपी और देश के पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने पहली बार अपनी भावनाएं जाहिर की हैं, उन्होंने एक इमोशनल लेटर डीएमके प्रमुख करुणानिधि को लिखा है। उन्होंने अपने खत के जरिए करूणनिधि को धन्यवाद दिया है। वो लिखते हैं कि मैं आपका तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूं, इस केस का फैसला मैं आपको समर्पित करता हूं। आपने ही मुझे संभाला और समझाया, जिसकी वजह से मैं इतनी विषम परिस्थितियों में ना टूटा और ना ही हारा।
कांग्रेस इस राजनीति को समझ नहीं पाई
राजा ने कहा कि इसलिए मैं फैसले के बाद आपसे दो शब्द सुनने का इंतजार कर रहा हूं लेकिन जिन लोगों की वजह से पार्टी और मेरी छवि खराब हुई है, उसका जवाब कौन देगा,उन लोगों को दंड कौन देगा जिन्होंने करूणनिधि के अस्सी साल के राजनीतिक सफर को ही भ्रष्ट कह दिया।
मुझे दुख इस बात का है...
इस स्कैम की वजह से पार्टी को बदनाम किया गया और मुझे दुख इस बात का है कि कांग्रेस इस राजनीति को समझ नहीं पाई। स्पेक्ट्रम की पॉलिटिक्स ने उन लोगों को मौका दिया, जो आपकी सरकार को हटा नहीं सकते थे।
विरोधियों की चाल में फंस गई
इस तरह की बातें केवल भारत में हो सकती है, शर्म इस बात की है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस भी इस मसले को समझ नहीं पाई और वो भी विरोधियों की चाल में फंस गई । केंद्रीय सतर्कता आयोग और सीबीआई जैसी संस्थाओं ने इसे फर्जी ढंग से पेश किया, जिसका निंदा करना अनिवार्य है।
हमने तो एक अच्छा काम किया....
हमने तो एक अच्छा काम किया था जिसे कि अपराध बना दिया गया, राजा ने लिखा है कि साल 2009 में हमने 59 करोड़ मोबाइल कनेक्शन दिए जबकि 2012 तक 60 करोड़ मोबाइल कनेक्शन देने का टारगेट था, स्पेक्ट्रम कार्टेल ने ही फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्स ऐप क्रांति का रास्ता साफ किया था लेकिन हमारा गुणगान करने के बजाय हमें ही अपराधी बना दिया गया। मीडिया ने भी बिना शोध किए समाज के सामने हमें विलेन बना दिया।
सारे आरोपी बाइज्जत बरी
गौरतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल सीबीआई अदालत कोर्ट ने माना कि 2 जी घोटाले को साबित करने के लिए जांच एजेंसी के पास पर्याप्त सूबूत नहीं हैं इसलिए सारे आरोपियों को बरी किया जाता है तो वहीं सीबीआई इस मामले में कोर्ट के फैसले को चुनौती देगी। मालूम हो कि यूपीए सरकार में टेलीकॉम मिनिस्टर रहे ए. राजा और डीएमके नेता कनिमोझी समेत 17 लोग आरोपी बनाए गए थे। 2010 में कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) रहे विनोद राय की रिपोर्ट में घोटाले का खुलासा हुआ था।
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