2G scam: 6 साल मुकदमा और एक लाइन का फैसला... बदनामी के बाद सब बरी
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नई दिल्ली। आज देश के सबसे बड़े घोटाले में से एक कहे जा रहे 2जी घोटाले पर फैसला आया है, जिसमें सारे आरोपियों को बरी कर दिया है। जिस घोटाले ने यूपीए सरकार को सबसे भ्रष्ट सरकार का दर्जा दिलाया और जिसमें 6 साल मुकदमा चला, वो घोटाला आज घोटाला ही नहीं रहा। आज पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल सीबीआई अदालत कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकारी वकील आरोप साबित नहीं कर पाए, जज ओपी सैनी ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है, वो एक भी सबूत पेश नहीं कर पाया और इसी वजह से आज सारे आरोपियों को बरी किया जाता है।
जैसे ही कोर्ट ने फैसला सुनाया वैसे ही कनिमोझी और ए राजा के समर्थकों ने तालियां बजाना शुरू कर दिया। आपको बता दें कि फैसले के दौरान राजा, कनिमोझी और 17 आरोपी कोर्ट परिसर में मौजूद थे क्योंकि उन्हें कोर्ट ने फैसले के वक्त परिसर में उपस्थित होने का आदेश दिया था। इन आरोपियों का जुर्म अगर आज साबित होता तो इन्हें उम्र कैद भी हो सकती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। गौरतलब है कि एक लाख 76 हजार करोड़ के इस घोटाले में यूपीए सरकार में टेलीकॉम मिनिस्टर रहे ए. राजा और डीएमके नेता कनिमोझी समेत कई आरोपी बनाए गए थे। 2010 में कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) रहे विनोद राय की रिपोर्ट में घोटाले का खुलासा हुआ था।
सर्द मौसम में सुस्त पड़ी कांग्रेस अचानक जोश में
फैसले ने सर्द मौसम में सुस्त पड़ी कांग्रेस को अचानक से जोश में ला दिया और राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिस घोटाले के आरोप पर हम विपक्ष में आए, वह घोटाला हुआ ही नहीं, उधर कपिल सिब्बल ने कहा है कि साबित हो गया कि विपक्ष के झूठ का घोटाला हुआ है, बिना किसी सबूत के UPA सरकार पर निराधार आरोप लगाए गए, बार-बार चिल्ला-चिल्लाकर झूठ को सच बनााया गया, आज दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि पूर्व सीएजी विनोद राय को देश से माफी मांगनी चाहिए। राज्यसभा में इस मामले पर जोरदार हंगामा हुआ।
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