असम में नागरिकता एक्ट का विरोध जारी, सेना की 26 और टुकड़ियां भेजी गईं
असम में सेना की 26 और टुकडियां भेजी गईं
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन एक्ट, 2019 के खिलाफ असम में भारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सेना की 26 और टुकड़ियां भेजी गईं हैं। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की मदद के लिए सेना की इन टुकड़ियों की तैनाती की गई है। असम, त्रिपुरा और पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में इस कानून का भारी विरोध हो रहा है। असम और त्रिपुरा में पहले ही सेना तैनात की जा चुकी है।
सोमवार को लोकसभा में ये विधेयक रखे जाने के बाद से ही पूर्वोत्तर में विरोध शुरू हो गया था। बुधवार को राज्यसभा से इस विधेयक के पास होते ही पूर्वोत्तर राज्यों में लोग सड़कों पर उतर आए। हालात लगातार बिगड़ने लगे तो सेना को भेजा गया। इसके बावजूद हालात पूरी तरह काबू में नहीं हैं। पुलिस फायरिंग में अब तक तीन लोगों की मौत की खबर है। दर्जनों लोग घायल हैं।
असम और त्रिपुरा दोनों ही राज्यों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। गुवाहाटी और कई जिलों में कर्फ्यू भी लगाया गया है। दोनों राज्यों में सड़क और रेल यातायात ठप है, उड़ानों पर भी असर पड़ा है। असम में कई मंत्रियों, सांसदों के घरों पर हमले हुए हैं। लोग कर्फ्यू के बावजूद सड़कों पर उतरकर विरोध जता रहे हैं।
नागरिकता संशोधन एक्ट, 2019 को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है। बिल सोमवार को लोकसभा से और बुधवार को राज्यसभा में पास हुआ। इसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है।
कांग्रेस समेत ज्यादतार विपक्षी दल भी इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इस कानून को कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, टीएम सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई दूसरे संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी है। इन्होंने कानून की वैधता को चुनौती दी है।
नागरिकता एक्ट के खिलाफ जयराम रमेश की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी