26/11 हमला: जब एक जूस की वजह से कसाब ने मांगी थी 'ऊपर' जाने की इजाजत
मुंबई। आज 26/11 हमले को पूरे 11 साल हो गए हैं। इसी दिन आतंकियों ने मुंबई को दहला दिया था। हमला करने आए आतंकियों में केवल अजमल कसाब ही जिंदा बचा था। कसाब को 21 मई, 2012 को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। लेकिन उसे गिरफ्तारी के चार से पांच दिन बाद ही मौत अपने करीब लगने लगी थी।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक दिन कसाब ने इंस्पेक्टर दिनेश कदम से हाथ जोड़ते हुए कहा था 'मुझे ऊपर जाने की इजाजत दीजिए।' इंस्पेक्टर दिनेश पहले तो समझ नहीं पाए कि इतना बड़ा अपराध करने के बाद जो इंसान मुंबई पुलिस की कस्टडी में है, वो ऊपर जाने की इजाजत क्यों मांग रहा है। उन्होंने दोहराते हुए कसाब से पूछा कि वो क्या चाहता है, तब भी कसाब ने कहा कि वो ऊपर जाना चाहता है।
पीने के लिए जूस दिया था
बाद में कसाब के ऐसा कहे जाने के पीछे एक अलग ही कहानी सामने आई। दरअसल 10 आतंकी पांच जोड़ियों में बंट गए थे। कसाब का साथी पुलिस से मुठभेड़ में मारा गया लेकिन कसाब जीवित था। मुंबई पुलिस कैसे भी उसे जीवित रखना चाहती थी ताकि सारी साजिश के बारे में पता लगाया जा सके। इसके लिए उसकी सेहत का पूरा ध्यान रखा जा रहा था।
हाथ में लगी थी गोली
कसाब के हाथ में भी गोली लगी थी, ऐसे में अगर उसकी मौत हो जाती तो साजिश के बारे में पता लगा पाना नामुमकिन हो जाता। इंस्पेक्टर दिनेश कदम ने उसे एक दिन मौसंबी का जूस दे दिया था। जो पीने में कड़वा था। अमूमन ऐसा होता है, जब मौसंबी के जूस में चीनी ना डाली जाए तो वो कड़वा ही लगता है। लेकिन कसाब को लगा कि उसमें जहर है।
कसाब को करीब लग रही थी मौत
जूस पीते ही उसे लगा कि इसमें पुलिस ने जहर मिला दिया है और अब उसकी मौत हो जाएगी। इससे उसे लगने लगा कि मौत उसके काफी करीब है। इसी कारण से उसने इंस्पेक्टर दिनेश कदम से कहा, 'अच्छा अब मुझे ऊपर जाने की इजाजत दीजिए।'