तमिलनाडु: बीई, एमई डिग्री वाले 257 इंजीनियर बतौर वन रक्षक भर्ती हुए
कोयंबटूर। क्या इंजीनियरिंग अब अपनी चमक खोती जा रही है? ऐसा इसलिए क्योंकि तमिलनाडु में 597 वन रक्षकों की भर्ती की गई है। जिन्होंने हाल ही में कोयंबटूर की तमिलनाडु फॉरेस्ट एकैडमी से छह माह का प्रशिक्षण कोर्स पूरा किया है। हैरानी की बात तो ये है कि इनमें से 257 लोग ऐसे हैं, जो इंजीनियर हैं।
एक वन रक्षक की नौकरी के लिए न्यूनतम शिक्षा 12वीं होती है और उम्र 21-30 के बीच होनी चाहिए। इन 257 में से 227 के पास बीई और 30 के पास एमई की डिग्री है। वहीं कुल वन रक्षकों में से करीब 150 के पास बीएससी और एमएससी की डिग्री है। जबकि कुछ के पास एमबीए, बीफारमा, बीकॉम और एम फिल की डिग्री है।
वन रक्षकों के लिए काम की स्थिति बेहद कठिन होती है। इन लोगों को सुरक्षा शिविरों में रहते हुए एक परिष्कृत जीवन शैली से दूर अलगाव में समय बिताना पड़ता हैं। इनमें से 190 महिलाएं हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब विभाग ने महिलाओं की भर्ती की है।
वन अधिकारियों ने कहा कि टीएनएफयूएसआरसी ने फ्रंटलाइन वन कर्मचारियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। जिसमें 300 वनकर्मी, 726 वन रक्षक और ड्राइविंग लाइसेंस के साथ 152 वन रक्षक शामिल थे, इसके लिए लगभग 3.5 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, इनमें से 2.2 लाख येग्य पाए गए और 1.5 लाख परीक्षा के लिए उपस्थित हुए। पूछे जाने पर वन रक्षक के तौर पर भर्ती हुए एक इंजीनियर ने कहा कि यह महज नौकरी में सुरक्षा के अभाव के चलते है।
वन रक्षक के तौर पर भर्ती हुए इंजीनियर का कहना है, 'ये सरकारी नौकरी है, जिसमें न्यूनतम 18,200 रुपये मिलते हैं। हालांकि मुझे शुरू में थोड़ा डर था लेकिन प्रशिक्षण लेने के बाद मुझमें आत्मविश्वास आया और मुझे हमेशा से प्रकृति से प्यार था।'
अब, टीएनएफयूएसआरसी ने वन चौकीदारों के 564 पदों को अधिसूचित किया है, जिसके लिए परीक्षा 4-6 अक्टूबर को आयोजित की गई थी। वर्तमान में, विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न केंद्रीय और राज्य वन्यजीव योजनाओं के तहत 1,110 कर्मी अवैध शिकार पर नजर रखने वाले विभाग में काम कर रहे हैं।