Covid19 महामारी के बीच कश्मीर में घुसपैठ के लिए सीमा पर तैयार बैठे हैं 230 आतंकी!
नई दिल्ली। भारतीय सेना के जवानों के जम्मू और कश्मीर में फैले कोरोनो वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में नागरिक प्रशासन की सहायता में जुटा देखकर पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों ने कश्मीर में नियंत्रण रेखा और जम्मू में सीमा पर मौजूद अपने लॉन्च पैड सक्रिय कर दिए हैं और अगले कुछ सप्ताह और महीने में 230 आंतकियों की घुसपैठ घाटी में करवा सकते हैं।
गौरतलब है बीते रविवार को सेना के विशेष बलों के कमांडो के साथ एक करीबी लड़ाई में मारे गए पांच आतंकवादियों का जत्था हाल के हफ्तों में घाटी में घुसा था। जम्मू और कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि सीमा पर कई और आतंकी लॉन्च पैड थे। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों ने हाल में कश्मीर घाटी में असंतोष की गर्मी पैदा करने के लिए सीमा पार ऐसे प्रयास का एक खाका रखा है।
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घाटी में आतंकी गतिविधियों और कैंप्स से जुड़ी खुफिया जानकारी के विश्लेषकों के मुताबिक कश्मीर में एलओसी के पार से लश्कर-ए-तैय्यबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन (HM) से जुड़े लगभग 160 आतंकवादी घाटी में घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं। जानकारी के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ जम्मू क्षेत्र में लगभग 70 सशस्त्र और प्रशिक्षित आतंकवादी क्षेत्र में नदी और नालों के माध्यम से घुसपैठ करने के लिए लॉन्च पैड पर तैयार बैठै हैं।
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जैश-ए-मोहम्मद आतंकी पीओके में स्थित लॉन्च पैड पर डेरा डाले हुए हैं
आतंकवाद-रोधी संचालकों के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में समानी-भीम्बर और दुधनील लॉन्च पैड पर डेरा डाले हुए हैं और जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने के पहले अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसी तरह लश्कर अपने आतंकी कैडर को लीपा वैली और नीलम घाटी में स्थित क्रमशः लिपा और केल लांचिंग पैड में घुसपैठ के लिए भेज रहा है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए घुसपैठ को तेज करने की योजना
माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए घुसपैठ को तेज करने की अपनी योजना के तहत आतंकी समूह जेआईएम फरवरी से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सियालकोट सेक्टर में अपने प्रशिक्षित कैडर को मजबूत कर रहा है। खुफिया इनपुट से पता चलता है कि 11 फरवरी 2020 को सियालकोट जिले के तहसील दस्का गांव मुंडेके में हथियारबंद जेआईएम जिहादियों का एक दल उनके मारकज में आया था।
2019 में बॉर्डर के जरिए 133 आतंकियों के सफल घुसपैठ की घटनाएं हुईं
गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि 2019 में एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर के जरिए 133 आतंकियों के सफल घुसपैठ की घटनाएं हुईं, जिनमें से अधिकांश घुसपैठ अप्रैल और सितंबर 2019 के बीच हुए थे। जनवरी-फरवरी 2020 के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने 48 जिहादियों या ओवरग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार करने और तीन विदेशी नागरिकों सहित 24 आतंकवादियों को न्यूट्रलाइज करने में कामयाबी हासिल की थी।
लश्कर की कुपवाड़ा सेक्टर से घुसपैठ करने की बड़ी योजना है?
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गत 5 अप्रैल के केरन सेक्टर मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मारे गए थे, जिससे पता चलता है कि लश्कर की कुपवाड़ा सेक्टर से घुसपैठ करने की बड़ी योजना है।" उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से घुसपैठ विभिन्न क्षेत्रों में होती है। इनमें कश्मीर क्षेत्र में गुरेज़, माचिल, केरन, तंगधार, नौगाम और उरी प्रमुख है। वहीं, राजौरी सेक्टर में पुंछ, कृष्णाघाटी, भीम्बर गली, सुंदरबनी और नौशेरा है जबकि जम्मू सेक्टर में जौरियन, हीरा नगर, कठुआ, सांबा और जम्मू है।
GHQ हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी (HUJI) को पुनर्जीवित करना चाहता है
आतंकवाद-रोधी संचालकों ने बताया कि हाल के वर्षों में घुसपैठ में शामिल मुख्य संगठन जैश, लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन हैं, लेकिन ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि वो रावलपिंडी जनरल हेडक्वार्टर्स पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के सियालकोट, पंजाब और कोटली क्षेत्र में हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी (HUJI) को पुनर्जीवित करने का इरादा रखता है।