लॉकडाउन में 4 राज्यों में 22 प्रतिशत श्रमिक हुए बेरोजगार, सर्वे में हुआ हैरत में डाल देने वाला खुलासा
लॉकडाउन में इन 4 राज्यों में 22 प्रतिशत श्रमिक हुए बेरोजगार
नई दिल्ली। कोरोनावायरस के चलते देशव्यवापी लॉकडाउन का असर सबसे ज्यादा लोगों की नौकरी पर पड़ा हैं। इस दौरान लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। सबसे बुरी स्थिति श्रमिकों की हुई हैं। हाल ही में किए गए एक सर्वे में चौका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं। देश के चार राज्यों में 22 प्रतिशत श्रमिकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा हैं। वहीं इनमें अनौपचारिक क्षेत्र के 51% श्रमिकों ने अपनी नौकरी खो दी और 30% ने आंशिक बेरोजगारी का शिकार हो रहे हैं। पूर्ण और साथ ही आंशिक बेरोजगारी महिला श्रमिकों की तुलना में पुरुष श्रमिकों में सबसे अधिक है।
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बता दें यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल (यूबीएस) के व्यावसायिक और आर्थिक नीति अनुसंधान पर फोकस समूह ने एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया है । शोधकर्ताओं ने पाया है कि 22 प्रतिशत श्रमिकों ने अपनी नौकरी खो दी और तीन उत्तर भारतीय राज्यों में तालाबंदी के बीच 30 प्रतिशत ने आंशिक बेरोजगारी का सामना किया। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में रोज़गार पर पड़ने वाले प्रभावों का आंकलन किया। तीन विशेषज्ञों की एक टीम जिसमें कुलविंदर सिंह और गनमाला सूरी, दोनों चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय के बिजनेस स्कूल से और पटियाला में पंजाबी विश्वविद्यालय से निर्वीर सिंह ने यह अध्ययन किया।
510 प्रतिक्रियाओं से डेटा के विश्लेषण के आधार पर, अध्ययन से सर्वेक्षण वाले राज्यों में रोजगार परिदृश्य पर लॉकडाउन 1.0 के विनाशकारी प्रभाव का पता चला। उन्होंने दर्शाया कि लॉकडाउन के कारण, 22 प्रतिशत श्रमिकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा और 31 प्रतिशत को आंशिक बेरोजगारी का सामना करना पड़ा है, जिसका अर्थ है कि उन्हें या तो अन्य व्यवसायों को छोड़ना पड़ा है या एकल नौकरी से उनकी आय में गिरावट आई है।
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