गुजरात: गिर के जंगल में एक महीने के भीतर 21 शेरों की मौत से हड़कंप
अहमदाबाद। गुजरात के गिर अभयारण्य में खतरनाक वायरस की वजह से शेरों के मरने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। अबतक कुल 21 एसियाटिक शेरों की इस खतरनाक वायरस की वजह से मौत हो चुकी है। गौर करने वाली बात यह है कि एशिया में यह शेरों का एकमात्र अभयारण्य है, ऐसे में जिस तरह से यहां जानलेवा वायरस की वजह से शेरों की मौत हो रही है उसकी वजह से यहां के पदाधिकारी काफी सकते में हैं। राज्य सरकार प्रशासन का कहना है कि शेरों की मौत आपसी टकराव और वायरल संक्रमण की वजह से हो रही है।
विशेषज्ञों की टीम पहुंची
जिस तरह से अचानक इतने शेरों की मौत हुई है उसके बाद प्रशासन की ओर से इसकी पड़ताल के लिए विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है। यह टीम बरेली के वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट और दिल्ली के नेशनल जू से आई है, यह टीम इस बात की पड़ताल करेगी कि आखिर किस वजह से यहां शेरों की मौत हो रही है और कैसे शेरों में फैले संक्रमण को रोका जाए। राज्य के फॉरेस्ट विभाग की ओर से कहा गया है कि 12 सितंबर से 19 सितंबर के बीच 11 शेरों की मौत हो गई है। यह मौतें गिर के दलखनिया और जसाधर रेंज में हुई है।
10 दिन के भीतर 10 शेर की मौत
जिन 11 शेरों की मौत हुई है उसमे 7 शेरों के शव जंगल में ही पाए गए थे, जबकि चार शेरों की मौत इलाज के दौरान हुई है। वहीं 20-30 सितंबर के बीत 10 और शेरों की मौत हो गई थी। इन सभी की मौत इलाज के दौरान हुई है। जिसके बाद मरने वाले शेरों की कुल संख्या 21 तक पहुंच गई। शेरों की इतनी बड़ी संख्या में मृत्यु इससे पहले गिर में कभी नहीं हुई। राज्य सरकार ने इन शेरों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि कुछ शेरों की मौत इलाज के दौरान हुई है।
संक्रमण पाया गया
प्रशासन
के
अनुसार
कम
से
कम
चार
शेरों
में
संक्रमण
पाया
गया
था,
ये
सभी
शेर
प्रोटोजोआ
से
संक्रमित
थे।
21
में
से
सात
शेरों
को
दलखनिया
रेंज
से
20-30
सितंबर
को
पकड़ा
गा
था।
फॉरेस्ट
विभाग
के
अनुसार
शेरों
की
स्क्रीनिंग
का
काम
चल
रहा
है,
जिसमे
पाया
गया
कि
11
शेरो
में
दलखनिया
रेंज
में
12
से
19
सितंबर
के
बीच
संक्रमण
पाया
गया
था।
शेरों
के
ऑपरेशन
के
दौरान
तीन
शेरों
की
मौत
हो
गई,
जिसके
बाद
मरने
वालों
की
संख्या
12
सितंबर
और
19
सितंबर
के
बीच
हुई
है।
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