2020 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: डोनाल्ड ट्रंप दोबारा चुने जाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति?
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बेंगलुरू। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां अभी से भले ही शुरू कर दी हैं, लेकिन वर्ष 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चुनकर आए रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप का चुनावी समर इस बार आसान नहीं हैं। यही कारण है कि सीरिया और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की स्वदेश वापसी को पिछले चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनाकर जीत दर्ज करने वाले राष्ट्रपति ट्रंप की पूरी कोशिश में हैं कि जल्द अफगाननिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों की स्वदेश वापसी हो जाए।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इसके लिए पाकिस्तान को खुश करने के लिए भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय मामले जम्मू-कश्मीर पर मध्यस्थता पर कूदने से बाज नहीं आ रहे हैं, क्योंकि ट्रंप जानते हैं कि पाकिस्तान की मदद के बिना तालिबान के खिलाफ उसकी लड़ाई अंजाम तक नहीं पहुंच पा रही है। दूसरी तरफ ट्रंप भारत के साथ नजदीकी रिश्ता भी कुबूल करते हैं ताकि भारतीय मूल के अमेरिकी वोटरों का साथ भी न छूटे।
ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूं ही नहीं पहुंच गए थे। चुनावी अंकगणित को साधने के लिए हाउडी मोदी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप की महत्वाकांक्षा और 50, 000 अप्रवासी भारतीयों की मताकांक्षा वहां खींचकर ले गई थी। ट्रंप बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति में अपनी दूसरी पारी के लिए लगातार जद्दोजहद कर रहे हैं और हर वो कोशिश पर अमादा है, जिससे उन्हें दूसरा टर्म आसानी से मिल सके।
यही कारण है कि बार-बार जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ्ता करने की अपनी अकुलाहट और भारत सरकार द्वारा खंडन करने के बाद हुई फजीहत को बार-बार भुलाकर भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय मुद्दे पर मध्यस्थता का राग अलापते नहीं थक रहे हैं। ट्रंप की यह कोशिश पाकिस्तान को खुश रखने की है ताकि अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से घर वापसी सुनिश्चिच हो सके।
डोनाल्ड ट्रंप यह भली भांति जानते हैं कि बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति उनकी छवि मीडिया में अच्छी नहीं है। अमेरिकी मीडिया लगातार ट्रंप के बारे में ऐसा लिखता है, जिससे ट्रंप की छवि लगातार गिरती आई है। इनमें वाशिंगटन पोस्ट द्वारा ट्रंप को झूठा करार दिया जाना प्रमुख है। इसके अलावाी 27 अमेरिकी मनोवैज्ञानिकों द्वारा उन्हें ऊल-जुलूल बयान देने के लिए पागल करार दिया जाना प्रमुख है।
इस सबके बावजूद ट्रंप लगातार चुनावी कैंपेन में लगे हुए हैं। हाउडी मोदी कार्यक्रम में ट्रंप की मौजूदगी एक सोची-समझी चुनावी कैंपेन का हिस्सा था, क्योंकि 2020 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के खिलाफ प्रवासी भारतीय तुलसी गबार्ड खड़ी है, जिससे ट्रंप को डर है कि प्रवासी भारतीयों का वोट तुलसी गबार्ड को चला जाएगा।
वहीं, हाल ही में जारी हुए पहले चुनावी पोल के मुताबिक वर्ष 2020 अमेरिकी चुनाव में करीब 52 फीसदी अमेरिकी मतदाताओं ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ मतदान करने की योजना बनाई है। ट्रंप के लिए राहत की बात बस इतनी थी कि पोल में शामिल मतदाताओ ने कोर रिपब्लिकन पार्टी को अपना समर्थन बरकरार रखा है।
पोल एजेंसी के मुताबिक ऑनलाइन सर्वेक्षण में पाया गया है कि 42 फीसदी अमेरिकी मतदाता 2020 राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के लिए मतदान करने की अधिक संभावना रखते हैं जबकि कम से कम 6 फीसदी अमेरिकी मतदाताओं ने अभी तक निर्णय नहीं लिया है।
बावजूद इसके डोनाल्ड ट्रंप 2020 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में फिर से भाग लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। ट्रंप ने इस बार चुनावी कैंपेन पर 7, 000 करोड़ रुपए तक खर्च कर सकते हैं। चुनाव को लेकर उनकी टीम पहले से ही तैयारियों में जुटी है। ट्रंप की चुनावी कैंपेनिंग के लिए बड़ी संख्या में टी-शर्ट, तौलिए, बैनर और झंडों को तैयार किया जा रहा है। हालांकि ट्रंप के पक्ष में इस बार इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी गैलप के सर्वे भी नहीं हैं।
वहीं, गैलप सर्वे में ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिन्हें कभी भी 50 फीसदी से ज्यादा की रैंकिंग नहीं मिली। यह एजेंसी दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेताओं की सूची प्रकाशित करती है। 2018 की सूची में ट्रंप को 11वां स्थान मिला था जबकि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरे स्थान पर काबिज थे।
गौरतलब है वर्ष 2016 में दिए एक इंटरव्यू के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने इंटरव्यू में कहा था कि वो अगला राष्ट्रपति चुनाव लड़ने और उसे जीतने का पूरा इरादा रखते हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है जैसे उन्हें हर कोई चाहता है।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कोई डेमोक्रेटिक उम्मीदवार दिखाई नहीं दे रहा है, जो उन्हें हरा सके। बकौल ट्रंप, मैं उन सभी डेमोक्रेट उम्मीदवारों को जानता हूं, जिनमें ऐसी कोई बात नहीं है, जो उन्हें अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव 2020 में मात दे सकें।
जून, 2019 को फ्लोरिडा के ओर्लेडो में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए 'कीप अमेरिका ग्रेट' का नया नारा दिया और देश की अर्थव्यवस्था, सरकार की आव्रजन नीतियों और व्यापारिक दृष्टिकोण के साथ-साथ संघीय अदालतों के पुनर्गठन समेत अन्य प्रयासों पर प्रकाश डाला।
याद दिला दें, वर्ष 2016 के चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप का नारा दिया था 'मेक अमेरिका ग्रेट' अगेन, जो काफी लोकप्रिय हुआ और डोनाल्ड ट्रंप डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराकर अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति चुने गए थे।
विशेषज्ञों की मानें तो वो भी वर्ष 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की सफलता के प्रति आश्वस्त नहीं हैं। 2016 में ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन मजबूत आधार मिशिगन, पेनसिल्वेनिया, विस्कांसिन में जीत हासिल की थी अगर उन्हें फिर से राष्ट्रपति बनना है तो पिछली सफलता दोहरानी पड़ेगी।
वहीं, पिछले चुनाव में हिलेरी क्लिंटन से नाराज वोटरों का बहुत बड़ा भाग ट्रंप को मिला, जिससे उनकी जीत का रास्ता तैयार हुआ। इस बार ट्रंप को न केवल एंटी इनकमबेंसी से निपटना होगा बल्कि अपने आधार वोटरों में लगने वाले सेंध पर भी ध्यान देना होगा।
उल्लेखनीय है अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 3 नवंबर 2020 को होना है, जिसमें रिपब्लिक और डेमोक्रेट उम्मीदवार के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। आशा जताई जा रही है कि अगर सब कुछ ठीक चलता रहा तो ट्रंप ही रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनेंगे। ट्रंप के खिलाफ इस बार दो महिलाएं खड़ी हैं। इनमें से एक कैलिफॉर्निया से डेमोक्रेट सीनेटर कमला हैरिस हैं और दूसरी हैं हवाई द्वीप समूह से तुलसी गाबार्ड।
खास बात यह है कि तुलसी गबार्ड एक अमेरिकी हिंदू महिला हैं तो कमला का ताल्लुक भारत से हैं। वहीं, ओबामा के शासन में उपराष्ट्रपति रहे बिडेन ने भी 2020 राष्ट्रपति चुनाव में उतरने की घोषणा कर चौंका दिया है। बिडेन ने डेमोक्रेटिक पार्टी से अपनी दावेदारी ऐलान करते हुए कहा कि यदि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर से चुनाव जीतते हैं तो यह देश की आत्मा को दांव पर लगाने जैसा होगा, इसलिए वे चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।
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