पहली बार चुने गए ये 8 शख्स लगाएंगे, 17वीं लोकसभा में चार चांद
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019(Lok Sabha Elections 2019) में इस बार 397 सांसद राष्ट्रीय पार्टियों से चुने गए हैं। इनमें से 303 सांसद बीजेपी से, 52 सासंद कांग्रेस से और 22 टीएमसी से सांसद चुने गए हैं। वहीं डीएमके के 23 और वाईएसआरसीपी के 22 सांसद चुने गए हैं। 17 वीं लोकसभा में 300 सांसद ऐसे हैं, जो पहली बार चुने गए हैं। वहीं इस 197 सांसद ऐसे हैं, जिन्हें दोबारा चुना गया है, जबकि 45 सांसद ऐसे हैं जो इससे पहले कभी ना कभी सांसद रह चुके हैं। महिला सांसदों की अगर बात करें तो इस बार संसद में इनकी संख्या 78 है। अब बात उन 8 चेहरों की बात करते हैं जो 17वीं लोकसभा में सदन में चार चांद लगाएंगे। इनमें कई सांसद ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार राजनीति में कदम रखा और पहली बार में ही जीत हासिल की। चाहे वो गौतम गंभीर हो, हंस राज हंस हो, सनी देओल जैसे अभिनेता हो या भापजा के टिकट पर साउथ बैंगलोर से चुनाव लड़ने और जीत हासिल करने वाले 28 साल से सबसे युवा सांसद तेजस्वी सूर्या हो।
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अमित शाह
पहली बार सांसद चुने वालों में सबसे पहला और सबसे बड़ा नाम आता है भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का। सबको सांसद बनाने वाले अमित शाह ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की। गुजरात के गांधीनगर सीट से उन्होंने भारी जीत हासिल की। भारतीय राजनीति के सबसे ताकतवर नेता माने जाने वाले अमित शाह ने अपनी राजनीति की शुरुआत राष्ट्रीय स्वंयसेवक के कार्यकर्ता के तौर पर की। 1986 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन किया। 1197 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासि की। 20 सालों तक वो बतौर विधायक सेवा करते रहे। गुजरात में मोदी सरकार के आने के बाद उन्हें गृहमंत्रालय की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। नरेन्द्र मोदी के केंद्रीय राजनीति में आने के बाद अमित शाह को भारतीय जनता पार्टी की कमान सौंपी गई, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर खड़ा कर दिया।
एस जोठीमनी
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक अपनी पारंपरिक सीट अमेठी नहीं बचा सके। मोदी लहर के बीच तमिलनाडु के करूर लोकसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी एस जोठीमनी ने जीत हासिल की। 43 साल की एस जोठीमनी तमिलनाडु में अकेली महिला सांसद हैं। कांग्रेस के एस जोठीमनी ने 420546 वोटों से जीत दर्ज की। AIADMK के एम. थंबीदुरई दूसरे नंबर पर रहे। किसान परिवार से ताल्लुक रखनी वाली जोठीमनी ने 22 साल की उम्र में ही राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने युवा कांग्रेस में लंबी पारी खेली। 2009 से 2012 तक वो जेनरल सेक्रेटरी रही। उन्होंने इस बार 4 बार सांसद रहे थंबीदुरई को हराकर बड़ी जीत हासिल की।
राम्या हरिदास
अलाथुर लोकसभा सीट कांग्रेस की राम्या हरिदास ने जीत हासिल की है। उन्होंने अपने नजदीकी माकपा प्रत्याशी डॉ. पी. के. बिजू को मात दी है। लोकसभा चुनाव में राम्या हरिदास को 533,815 वोट मिले। 33 साल की राम्या हरिदास केरल में अब तक की दूसरी दलित महिला सांसद हैं। माक्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के गढ़ अलथुरा में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और दो बार के सांसद डॉ. पीके बीजू को हराकर जीत हासिल की। मोदी लहर के बीच राम्या ने बड़ी जीत हासिलकर पहचान बनाई है।
अंग्रेजी अखबार लाइव मिंट की खबर के मुताबिक, राम्या हरिदास मजदूर की बेटी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान चुना। वो अकेली ऐसी महिला हैं जो केरल से संसद के लिए चुनी गई हैं। सांसद बनने से पहले वह कोझिकोड म्युनसिपाल्टी की प्रमुख थीं।
महुआ मोइत्रा
पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से सांसद चुनी गई तृणमूल कांग्रेस की उम्मीद वार महुआ मोइत्रा उस वक्त सूर्खियों में आई जब उन्होंने लाइव शो के दौरान टीवी एंकर को अभद्र इशारे किए। वीडियो वायरल होने के बाद मोइला सूर्खियों में आ गई। चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवार महुआ मोइत्रा ने 63218 वोटों से जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी और बीजेपी प्रत्याशी कल्याण चौबे को मात दी है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक महुआ मोइत्रा को अपनी छवि नहीं बल्कि टीएमसी के ब्रांड का फायदा हुआ और टीएमसी की बदौलत उन्होंने जीत हासिल की। उन्होंने 18 साल की उम्र में राजनीति ज्वाइंन कर ली थी। 2008 में वो कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गई।
तेजस्वी सूर्या
भाजपा के सबसे कम उम्र के उम्मीदवार और दक्षिण बेंगलुरु सीट से सबसे युवा चेहरे तेजस्वी सूर्या ने भारी अंतर से जीत हासिल की। यह तेजस्वी का पहला लोकसभा चुनाव था। इस बार जीत हासिल कर वो देश के सबसे युवा सांसद बने हैं।तेज स्वी सिर्फ 28 साल के हैं और पेशे से वकील हैं। उन्होंने बेंगलुरु के इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज से पढ़ाई की है। वो कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं। वकील होने के साथ- साथ सूर्या बीजेपी युवा मोर्चा कर्नाटक के प्रदेश महासचिव हैं। सूर्या एक कुशल वक्ता है।
गौतम गंभीर
क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर ने पूर्वी दिल्ली से भाजपा की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की। 37 साल के गौतम गंभीर ने 4 लाख वोटों के मर्जिन से जीत हासिल की। चुनाव प्रचार के दौरान गौतम गंभीर का नाम विवादों में धेरने की कोशिश की गई। आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी मर्लेना ने उनपर आपत्तिजनक पर्चे छपाने का आकोप लगाया और माफीनामे की रट लगाई, हालांकि गौतम गंभीर ने निडरता के साथ सारे आरोपों को नकारते हपए आम आदमी पार्टी और आतिशी पर मानहानि का मामला दर्ज करवाया।
हंस राज हंस
पंजाबी सूफी गायक गायक ने पहली बार राजनीति में कदम रखा और भारी मतों से जीत हासिल कर संसद तक पहुंच गए। मशहूर गायक हंसराज हंस की सियासी पारी का आगाज़ शानदार रहा। पहली दफा ही बीजेपी की टिकट पर दिल्ली की उत्तर पश्चिमी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे और ज़बरदस्त जीत हासिल की। हंसराज हंस ने 5,53, 897 वोटों से आम आदमी पार्टी कैंडिडेट गुग्गन सिंह को हराया। बी जेपी ने 57 साल के इस सेलिब्रिटी पर दांव लगाया और उन्होंने भी इस भरोसे पर खड़ा उतरकर पार्टी की जीत दिलाई।
इम्तियाज जलील
इम्तियाज जलील AIMIM के उन दो सांसदों में से एक हैं, जिन्होंने 17वीं लोकसभा में अपनी जगह बनाई है। महाराष्ट्र की औरंगाबाद लोकसभा सीट पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के इम्तियाज जलील सैय्यद ने जीत हासिल की। ये सीट शिवसेना का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन उन्होंने अपने सबसे करीबी प्रतिद्वंदी शिवसेना के चंद्रकांत खैरे को 4492 वोटों से शिकस्त दी। पेशे से पत्रकार रहे जलील ने 20104 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की।