नमो ऐप के इन सवालों से कट सकते हैं, बीजेपी के कई दिग्गजों के टिकट
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवाने के बाद बीजेपी 2019 के लिए जोरदार तैयारी में जुटी है। एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार 10 प्रतिशत गरीब सवर्ण आरक्षण, किसानों के लिए बड़ा पैकेज, आयुष्मान भारत जैसे चुनावी कदम उठा रही है तो दूसरी ओर अगले आम चुनाव में एक-एक प्रत्याशी के चयन की प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी की मदद ली जा रही है। बीजेपी ने नमो ऐप 'पीपुल्स पल्स' नाम का सर्वे शुरू किया है, जिसमें हेल्थकेयर, नेशनल सिक्योरिटी, स्वच्छ भारत, अर्थव्यवस्था, रोजगार, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली जैसे अहम क्षेत्रों में मोदी सरकार की ओर से कराए गए कार्यों पर राय मांगी गई है। सर्वे में लोगों से यह पूछा गया है कि उनके संसदीय क्षेत्र में कौन से तीन बीजेपी नेता सबसे लोकप्रिय हैं। साथ ही राज्य और संसदीय क्षेत्र में महागठबंधन के प्रभाव के बारे में भी सवाल पूछे गए हैं। खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए लोगों से सर्वे में भाग लेने की अपील की है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी लोगों से सर्वे में हिस्सा लेने की अपील की है। यहां तक तो सब ठीक है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी नमो ऐप पर किए जा रहे इस सर्वे से विपक्ष में नहीं बल्कि बीजेपी में ही हलचल मच गई है। बीजेपी के मौजूदा सांसद इस समय बहुत डरे हुए हैं।
2019 में टिकट जारी करते वक्त नमो ऐप के फीडबैक को आधार बनाएगी बीजेपी
नमो ऐप के सर्वे 'पीपुल्स पल्स' में सवाल पूछा गया है कि आपके संसदीय क्षेत्र में कौन से तीन बीजेपी नेता सबसे लोकप्रिय हैं। इस सवाल से बीजेपी के सभी 268 सांसद सतर्क हो गए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी सीधे जनता से फीडबैक लेना चाहते हैं और 2019 लोकसभा में टिकट जारी करते वक्त बीजेपी नमो ऐप पर मिले फीडबैक को ध्यान में रखेगी। पीएम ने वीडियो अपलोड सर्वे में हिस्सा लेने के लिए लोगों से अपील की है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मुझे कई मुद्दों पर आपका सीधा फीडबैक चाहिए। नरेंद्र मोदी ऐप पर सर्वे में हिस्सा लें।' पीएम मोदी ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें वह कह रहे हैं कि आपका फीडबैक मायने रखता है। कई मुद्दों पर फैसला लेने में आपका फीडबैक हमारी मदद करेगा। आप खुद तो इस सर्वे में हिस्सा लें ही, साथ ही दूसरों से भी ऐसा करने के लिए कहें।
नमो ऐप सर्वे की मदद से महागठबंधन की थाह पाने का प्रयास
नमो ऐप पर सर्वे में बीजेपी यूपी और बिहार में बन रहे महागठबंधन की भी थाह लेना चाहती है। 'पीपुल्स पल्स' सर्वे में लोगों से पूछा गया है कि आपके राज्य और संसदीय क्षेत्र में महागठबंधन का क्या प्रभाव है? हाल ही में सपा-बसपा ने यूपी में गठबंधन कर 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। दूसरी ओर कांग्रेस यूपी में छोटे दलों के साथ गठबंधन कर बीजेपी को चुनौती देने की योजना पर काम शुरू कर चुकी है। उधर, बिहार में तेजस्वी यादव भी महागठबंधन को और विस्तार देने में जुटे हैं।
तीन राज्यों में कांग्रेस ने जिस फॉर्मूले से जीत दर्ज की, बीजेपी ने उसी को अपनाया
नमो ऐप सर्वे में जिस प्रकार से मोदी सरकार की योजनाओं, और बीजेपी नेताओं के बारे में फीडबैक मांगा गया, वह कुछ-कुछ वैसा ही प्रयोग है, जैसा मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किया था। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की छत्तीसगढ़ यूनिट ने शीर्ष नेतृत्व को चुनावों से पहले आइडिया दिया था कि प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया आखिर कैसी हो? कांग्रेस ने एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई, जो कि प्रत्याशी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उसके क्षेत्र तक गई। इसके बाद पूरी जानकारी सेंट्रल कमेटी तक भेजी गई, जहां कई बड़े नेताओं के सामने सारे फैक्ट्स रखे गए। इसके साथ कुछ सर्वे एजेंसियों की मदद से कांग्रेस ने प्रत्याशी की जीत का संभावनाओं के बारे में भी आंकड़े जुटाए थे। नमो ऐप भी कुछ ऐसा ही प्रयोग है, जिससे बीजेपी न केवल अपने नेताओं की जमीन तलाशना चाहती है, बल्कि विरोधियों की ताकत की भी थाह ले रही है।