1901 के बाद 2019 रहा भारत के लिए 7वां सबसे गर्म साल , IMD ने पेश की रिपोर्ट
नई दिल्ली। वैसे तो पूरे उत्तर भारत में अभी भी भीषण सर्दी का रौद्र रूप जारी है, देश के कई हिस्सों में दिसंबर 2019 में पारा जीरो डिग्री तक पहुंच चुका था, अभी भी देश के कई हिस्से शीत लहर, कोहरे और गलन से दुखी हैं, बावजूद इसके साल 2019, वर्ष 1901 के बाद सातवां सबसे गर्म साल रहा है, यह कहना हमारा नहीं बल्कि भारतीय मौसम विभाग का है।
सर्दी, गर्मी और बारिश तीनों ही चरम स्तर पर रहे साल 2019 में
जिसने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2019 सबसे गर्म, सबसे ज्यादा बारिश और सबसे ज्यादा आंधी तूफान इन तीनों के लिए भी जाना जाएगा। इसी के साथ हाड़ कंपाने वाली ठंड के लिए भी यह साल याद रखा जाएगा, दिसंबर महीने में ठंड के कई साल पुराने रिकॉर्ड टूटे हैं, लेकिन इसके बावजूद ये पिछले रिकार्ड की तुलना में काफी गर्म रहा।
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सबसे ज्यादा बिहार ने झेली मौसम की मार
IMD ने कहा कि साल 2019 में भूस्खलन, बाढ़, गर्म हवाएं और आंधी-तूफान के चलते 1,562 लोगों की मौत हुई और सबसे ज्यादा मौसम की मार बिहार राज्य ने झेली है, यहां अकेले ही बारिश, बाढ़, गर्मी, बिजली, तूफान और ओलावृष्टि के चलते 650 लोगों की जान गई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2019 में भारतीय सागरों में 8 चक्रवाती तूफान भी तैयार हुए। एक तरफ साल 2019 में जहां गर्मी अपने चरम पर रही वहीं बारिश भी खूब हुई और साल के अंत में सर्दी भी जमकर पड़ी।
फिर लौटेगी हाड़ कंपाने वाली सर्दी
आईएमडी के मुताबिक अगले 48 घंटों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में भारी बारिश-बर्फबारी और ओले गिरने की संभावना बनी हुई है, जबकि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर बिजली कड़कने के साथ कुछ जगहों पर ओले गिर सकते हैं, जिससे फिर से हाड़ कंपाने वाली सर्दी की वापसी हो सकती है।
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