2002 गुजरात दंगा: नरोदा पाटिया केस में बाबू बजरंगी को SC से जमानत
नई दिल्ली। साल 2002 में हुए गुजरात दंगों में दोषी बाबू बजरंगी को गुरुवार को सु्प्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। बाबू बजंरगी को नरोदा पटिया मामले में 21 साल की सजा काट रहा है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, बाबू बजरंगी को स्वास्थ्य आधार पर जमानत दी गई है। इससे पहले गुजरात पुलिस ने जनवरी के आखिरी में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि बाबू बजरंगी विभिन्न बीमारियों के कारण बेहद बुरी हालत में है। बजरंगी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने कहा था कि मैं इस मामले में स्वास्थ्य खराब होने के आधार पर ही जमानत का अनुरोध कर रहा हूं। बजरंगी सौ फीसदी बधिर और दृष्टिहीन हो चुके हैं तथा दिल की कई बीमारियों से भी पीड़ित हैं।
बाबू बजरंगी ने जमानत का अनुरोध करते हुए गुजरात हाई कोर्ट के 20 अप्रैल 2018 के फैसले को चुनौती दी थी। इस फैसले में बजरंगी को उम्र कैद की सजा देने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए हाई कोर्ट ने बगैर किसी छूट के इसकी अवधि घटाकर 21 साल कर दी थी। इस मामले में शीर्ष अदालत ने 23 जनवरी को चार दोषियों को नियमित जमानत प्रदान की थी। आपको बता दें कि बाबू बजरंगी का असली नाम बाबूभाई पटेल है और उसका संबंध बजरंग दल से रहा है।
2002 Gujarat riots case: Supreme Court today granted bail to one of the convicts in Naroda Patiya matter, Babu Bajrangi. He has been granted bail on health grounds pic.twitter.com/5hU9wzs5lf
— ANI (@ANI) March 7, 2019
गुजरात में साल 2002 में साबरमती एक्सप्रेस कांड के बाद हुए दंगों को लेकर बाबू बजरंगी हमेशा चर्चा के केंद्र में रहा है। साल 2007 में एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था, जिसमें वह नरोदा पाटिया नरसंहार में अपनी भूमिका की बात कही थी। साल 2002 के दंगों के बाद वह विश्व हिंदू परिषद् में शामिल हो गया और बाद में वह शिवसेना का हिस्सा बन गया था।