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पाकिस्तान के परमाणु प्लांट में फैली खतरनाक बीमारी, 200 चीनी मजदूरों की जान संकट में

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Pakistan Atomic Energy Plant में महामारी, संकट में 200 चीनी मजदूर | वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली- भारत को लगातार परमाणु हमले की धमकी दे रहे पाकिस्तान के परमाणु संयंत्र में महामारी फैल गई है। जानकारी के मुताबिक कराची के पास स्थिति एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र में इस वक्त बीमारी की चपेट में आने के चलते 200 चीनी मजदूरों की जान पर बन आई है। दरअसल, इन सारे चीनी मजदूरों में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं और उन्हें इलाज करवाने के लिए अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ा है। ये घटना कराची के तटीय इलाके की है। यह जानकारी सामने आने के बाद इस्लामाबाद से बीजिंग तक हड़कंप मच गया है।

परमाणु संयंत्र में 200 चीनी मजदूर बीमार

परमाणु संयंत्र में 200 चीनी मजदूर बीमार

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के न्यूक्लियर एनर्जी प्लांट में काम कर रहे करीब 200 चीनी नागरिकों का डेंगू टेस्ट पॉजिटिव आया है। कराची के हॉक्सबे स्थित तटीय इलाके में स्थिति इस न्यूक्लियर एनर्जी प्लांट में ये सारे चीनी नागरिक अलग-अलग काम पर लगाए गए थे। चीनी नागरिकों में महामारी के तौर पर फैले डेंगू की खबर स्थानीय अखबार जंग ने दी है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के स्वास्थ्य मंत्री अजरा फैजल के हवाले से अखबार ने बताया है कि न्यूक्लियर एनर्जी प्लांट में काम कर रहे करीब 200 चीनी वर्कर डेंगू के वायरल इन्फेक्शन से बुरी तरह पीड़ित हैं।

सिंध में 1200 लोग डेंगू की चपेट में

सिंध में 1200 लोग डेंगू की चपेट में

आधिकारिक सूचना के मुताबिक अकेले पाकिस्तान के सिंध प्रांत में इस साल 1,200 लोगों को डेंगू हुआ है और अबतक यह गंभीर बीमारी सिर्फ सिंध में कम से कम 6 लोगों की जान ले चुकी है। चिंता इस बात की है कि पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में डेंगू से मरने वालों का आंकड़ा बहुत ज्यादा होता रहा है। जानकारी ये भी आ ही है कि सिंध प्रांत इस वक्त डेंगू के अलावा टिक-बॉर्न कॉन्गो वायरल बुखार की भी चपेट में भी है, जिसके चलते कम से कम अबतक 10 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि, सिंध के मंत्री के हवाले से पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि डेंगू से पीड़ित सभी चीनी मजदूरों का इलाज चल रहा है और फिलहाल उन्हें खतरे से बाहर बताया जा सकता है। हालांकि, अपने नागरिकों के डेंगू की चपेट में आने के बाद चीन क्या तैयारी कर रहा है, इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की सुरक्षा पर सवाल

पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की सुरक्षा पर सवाल

बड़ी बात ये भी है कि पाकिस्तान के परमाणु संयंत्रों को विकसित करने भी चीन ने ही बड़ी भूमिका निभाई है। गौरतलब है कि 2016 में एक अमेरिकी थिंक टैंक के एक्सपर्ट ने दावा किया था कि पाकिस्तान के पास कुल 120 परमाणु वॉरहेड मौजूद हैं, जिसे उसने बहुत ही गंभीर खतरा बताया था। ऐसे में सवाल ये उठाया जा सकता है कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्लांट को जब डेंगू से सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है, तब वहां मौजूद परमाणु हथियारे कितने सुरक्षित हैं। बता दें कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को हमेशा से ही असुरक्षित माना गया है, क्योंकि इसे तकनीक चुरा कर बनाने की जानकारी भी सामने आ चुकी है।

1998 में सामने आई पाकिस्तान की असलियत

1998 में सामने आई पाकिस्तान की असलियत

वैसे बताया जाता है कि पाकिस्तान ने अपना परमाणु कार्यक्रम 1970 में तब शुरू किया जब जुल्फिकार अली भुट्टे की सरकार थी। लेकिन, जब 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान भारत ने परमाणु परीक्षण करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र घोषित किया, तब पाकिस्तान ने भी आधिकारिक तौर पर परमाणु परीक्षण करके अपनी सच्चाई दुनिया के सामने जाहिर कर दी।

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English summary
200 Chinese working at Pakistani atomic energy plant is being treated for dengue
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