20 साल पहले आज ही के दिन भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को दिया था सबसे बड़ा झटका, गई थी 16 सैनिकों की जान
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से सरकार के आर्टिकल 370 हटाने के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के हाल हैं। दोनों देश 20 वर्ष पहले कारगिल की जंग में आमने-सामने थे। आज जब एलओसी पर माहौल गर्माया हुआ है तो एक घटना आपको बताते हैं जिसमें इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) ने पाकिस्तान के मैरिटाइम सर्विलांस एयरक्राफ्ट को ढेर किया था। उस घटना में 16 पाक जवानों की मौत हो गई थी। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स ने उस समय नलिया में पोस्टेड आईएएफ ऑफिसर्स के हवाले से इस घटना की जानकारी दी है।
सर्विलांस एयरक्राफ्ट हुआ भारत में दाखिल
कारगिल जंग के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सीमा से ज्यादा तनावपूर्ण थे। 10 अगस्त 1999 को हुई एक घटना ने रिश्तों में और कड़वाहट घोल दी थी। ग्रुप कैप्टन (रिटायर्ड) संजीव नारायण को आज भी याद है कैसे उन्होंने फ्रांस में बने सर्विलांस एयरक्राफ्ट अटलांटिक को गिराया था। इस घटना में पाकिस्तान नेवी के पांच ऑफिसर्स और 11 सेलर्स की मौत हो गई थी। सन् 1971 की जंग के बाद से पहली बार पाकिस्तान नेवी को एक ही दिन में इतना बड़ा झटका झेलना पड़ा था। नारायण के शब्दों में, 'हमें उम्मीद नहीं थी कि एयरक्राफ्ट पर इतने लोग होंगे। यह दुर्भाग्यशाली था। मुझे इस बारे में तब पता लगा जब मीडिया में उनके अंतिम संस्कार की खबरें आईं।'
रवाना किए गए थे दो मिग-21
जिस दिन यह घटना हुई थी उस दिन नलिया पर आईएएफ एयरबेस पर तत्कालीन आईएएफ चीफ चीफ, एयर चीफ मार्शल एवाई टिपनिस के दौरे की तैयारियां चल रही थीं। उसी समय अचानक दो मिग-21 को रवाना किया गया। ग्रुप कैप्टन (रिटायर्ड) विजय सुमन ने बताया कि उन्हें लग गया था कि कुछ गड़गड़ है। सुबह 10 बजकर 52 मिनट पर पाकिस्तान एयरक्राफ्ट के भारत की सीमा में दाखिल होने की खबरें आईं। इसके बाद भारतीय जेट्स रवाना हुए और 11:01 मिनट पर पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट के करीब पहुंच गए। पहला एयरक्राफ्ट विंग कमांडर पीके बुंदेला उड़ा रहे थे तो दूसरा एयरक्राफ्ट फ्लाइट लेफ्टिनेंट संजीव नारायण उड़ा रहे थे।
10 किलोमीटर तक आ चुका था पाक एयरक्राफ्ट
मौसम ठीक नहीं था और घने बादल आसमान में छाए हुए थे। रडार ने मदद की और पता चला कि एयरक्राफ्ट कच्छ के रण में भारतीय सीमा में दक्षिण दिशा की तरफ लकपत और कोटेश्वर के करीब है। आईएएफ के दोनों एयरक्राफ्ट करीब 2500 मीटर की ऊंचाई पर थे बादलों से बचते हुए 11 बजकर 16 मिनट पर उन्होंने पाकिस्तान के एयरक्राफ्ट को देखा। ग्रुप कैप्टन शर्मा ने बताया कि पाकिस्तान का एयरक्राफ्ट भारतीय सीमा के 10 किलोमीटर तक अंदर दाखिल हो चुका था।
मिसाइल ने साधा निशाना
आईएएफ के पायलट ने पाक एयरक्राफ्ट अटलांटिक को पहचाना। इसके बाद पायलट को दुश्मन के एयरक्राफ्ट को इंगेज करने का आदेश दिया गया। 11 बजकर 17 मिनट पर इंगेज का ऑर्डर मिला और फिर 11:18 मिनट पर खबर मिली कि पाकिस्तान के एयरक्राफ्ट पर मिसाइल दागी गई है। उसमें आग लग गई है और वह खत्म हो रहा है। नारायण के मुताबिक नलिया में ऑफिसर्स को नहीं मालूम था कि अटलाटिंक जानबूझकर भारत में दाखिल हुआ या किसी और वजहों से मगर पाकिस्तान के रडार कंट्रोलर्स को अपने एयरक्राफ्ट को वॉर्निंग देनी चाहिए थी।