ऊंची जाति की लड़की से मोहब्बत की सजा मिली मौत, दलित युवक की बेरहमी से हत्या
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में ऑनर किलिंग का एक मामला सामने आया है। जिले के पिंपरी चिंचवड इलाके एक 20 साल के दलित युवक की सवर्णों ने इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वह उसका उनकी बेटी से अफेयर था। मृतक विराज जगतप ने मौत से पहले दर्ज कराए गए बयान में अपने साथ हुई क्रूरता की दहला देने वाली कहानी बताई। दलित युवक की हत्या के आरोप में दो नाबालिगों सहित छह लोगों को पकड़ा गया है । यह घटना रविवार रात हुई थी।
अफेयर पर बात करने लिए बुलाया घऱ
पुलिस को दिए बयान में विराज ने कहा था कि वह अपनी मोटरसाइकिल से जा रहा था, तभी युवती के रिश्तेदारों ने एक ऑटो से उसे टक्कर मार दी। विराज ने कहा था कि उसके नीचे गिरने के बाद, अभियुक्त आए और उस पर रॉड और पत्थरों से हमला कर दिया। मृतक विराज जगताप के बड़े भाई सागर जगताप ने कहा कि 7 जून की रात लगभग 9 बजे, विराज को लड़की के परिवार से फोन आया और उसे अपने रिलेशनशिप के बारे में कुछ चर्चा के लिए अपने निवास पर आने के लिए कहा।
घर बुलाकर दी गालियां
उन्होंने बताया कि, जब वह उनके घर पहुंचा तो लड़की के परिजन उसे गाली देने लगे। जाति का बताने जैसे अपमानजनक शब्द कहे गए। इसके बाद विराज उनके घर से निकल आया तो उस पर लड़की के घरवालों लोहे की छड़ और पत्थरों से हमला कर दिया। विराज के चाचा ने कहा कि, मेरा भतीजा विराज एक विनम्र और केयरिंग व्यक्ति था और उसका एक लड़की के साथ अफेयर चल रहा था। उन्होंने मेरे भतीजे को पहले एक तेज रफ्तार टेंपो ने टक्कर मारी और फिर लोहे की छड़ों से हमला किया और उसे पत्थरों से मारा गया। दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दी जानी चाहिए। मैं अपने निर्दोष भतीजे पर आरोपियों द्वारा की गई क्रूरता की व्याख्या करने में असमर्थ हूं, जो लोग इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें फांसी दी जानी चाहिए, ताकि लोग अत्याचारपूर्ण कार्य करने से पहले दो बार सोचें।
युवक के मुंह पर थूक और लोहे की रॉड से मारा
एसीपी श्रीधर जाधव ने बताया, एफआईआर दर्ज कर ली है। लड़की के पिता जगदीश काते ने विराज के मुंह पर थूक दिया जब पीड़ित युवक घायल अवस्था में पड़ा था। उन्होंने बताया कि विराज अपनी जान बचाने की मिन्नत मांग रहा था, लेकिन जगदीश मुरलीधर काते ने जरा भी दया नहीं दिखाई। उसने विराज पर चिल्लाते हुए कहा कि तुम नीची जाति से ताल्लुक रखते हो कैसे तुम रिश्ता रख सकते हो। सभी छह आरोपियों की गिरफ्तारी आईपीसी की धारा 302, 143, 147, 148 और 149 के तहत हुई है। आरोपियों पर एसटी/एससी एक्ट 1989 के तहत भी कार्रवाई हुई है।
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