रिपोर्ट: कोरोना महामारी के चलते देश में बढ़े हार्ट संबंधी दिक्कतों के 20 फीसदी मामले
नई दिल्ली। देश में कोरोना से अब तक लगभग 40 लाख लोग मुक्त हो चुके हैं। कोरोना वायरस से रिकवर हुए लोगों को अब कई तरह की अन्य शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उधर एडवांस कार्डियक जटिलताओं से पीड़ित रोगियों में 20 प्रतिशत वृद्धि हुई है। कोरोना की चपेट में आने के डर से बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल जाने से डर रहे हैं। हाल ही जारी एक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
अस्पताल आने से डर रहे हैं लोग
दिल्ली में इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स की रिपोर्ट से पता चला है कि कोविड -19 महामारी शुरू होने के बाद से हृदय संबंधी बीमारियों के मरीज अपनी नियमित चिकित्सा टेस्ट के लिए अपने अस्पताल के दौरे को स्थगित कर रहे हैं। यही नहीं कई कारकों में लॉकडाउन भी एक कारण है, जिसकी वजह से हृदय संबंधी मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके अलावा डेली एक्टिविटी में कमी के कारण तंबाकू और शराब की मात्रा में बढ़ोत्तरी और बिना डॉक्टर की सलाह से खुद ही दवाओं का सेवन भी शामिल है।
समय पर चेकअप ने होने के कारण कई लोगों को हो रही हैं दिक्कतें
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के कार्डियक के सीनियर सर्जन डॉ मुकेश गोयल ने कहा कि, पिछले वर्षों के विपरीत, इस साल हमने कार्डियक बीमारियों से ग्रस्त लोगों की संख्या में एक उल्लेखनीय गिरावट देखी है। इसका अहम कारण लोगों के समय समय पर अपने चैकअप आदि करना है। वहीं अस्पताल ने कहा कि कोविड-19 हालांकि एक अत्यधिक खतरनाक बीमारी है दुनिया भर में इससे मृत्यु दर केवल 2 प्रतिशत है।
कोरोना के मुकाबले हार्ट अटैक से ज्यादा लोगों की मौत
अस्पताल ने कहा कि, यदि हम सेरो सर्वे के परिणामों को देखें तो भारत में कोरोना वायरस से मृत्यु दर केवल 0.15 प्रतिशत है। जबकि हृदय रोग से संबंधित बीमारी में मृत्यु दर 30 प्रतिशत से अधिक है। अपोलो के अनुसार, हाल ही में फरीदाबाद की एक 72 वर्षीय महिला 12 घंटे से अधिक समय तक तेज दर्द की अनदेखी करती रही। जिसके चलते हार्ट की दीवार के फटने के कारण उसे बड़े पैमाने पर दिल का दौरा पड़ा। अस्पताल ने बताया कि, कोरोना के कारण अस्पताल जाने के डर से महिला ने दर्द को सहती रही। अस्पताल ने बताया कि, ऐसे काफी मामले सामने आ रहे हैं।
WHO
के
वैज्ञानिक
का
दावा-कोरोना
अभी
शुरुआती
दौर
में,
बुरा
वक्त
आना
बाकी