हरियाणा: मिर्चपुर में 2 दलितों को जलाने के मामले में दिल्ली HC का फैसला, 20 लोगों को आजीवन कारावास
नई दिल्ली। साल 2010 में हरियाणा के मिर्चपुर में दलितों के जलाए जाने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने 20 लोगों को दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बता दें कि इन 20 में तीन ऐसे हैं जिनको निचली अदालत पहले ही आजीवन कारावास की सजा सुना चुका है। और अब हाई कोर्ट ने 17 और लोगों को दोषी पाते हुए उनकी सजा पर फैसला सुना दिया है।
बता दें कि 21 अप्रैल 2010 को हरियाणा के मिर्चपुर में 70 वर्षीय दलित तारा चंद और उसकी 17 साल की पोलियो ग्रसित बेटी को उच्च जाति के लोगों ने जिंदा जला दिया था। इसके साथ-साथ ग्रुप ने कुछ घरों को भी आग के हवाले कर दिया था। यहां तक की कुछ दलितों को गांव छोड़कर भागना पड़ा था। जिसके बाद यह मामला कोर्ट पहुचा था। निचली अदालत ने भी अपना फैसला सुना दिया। इसके बाद मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा। हाई कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत 20 लोगों को दोषी ठहराया और उनकी सजा पर अपना फैसला सुनाया है।
दो
दलितों
के
जालने
का
असर
254
परिवारों
पर
पड़ा
दिल्ली
हाई
कोर्ट
ने
फैसला
सुनाते
हुए
कहा
कि
दो
दलित
के
जलाए
जाने
का
असर
गांव
के
254
परिवारों
पर
पड़ा
जो
घटना
के
बाद
गांव
छोड़कर
चले
गए।
यह
बहुत
दुख
की
बात
है
कि
आजादी
के
70
साल
बाद
भी
दलितों
पर
इस
तरह
की
घटनाओं
को
अंजाम
दिया
जा
रहा
है।
गांव
में
6
साल
तक
तैनात
रहे
CRPF
के
75
जवान
दलित
को
जलाए
जाने
के
बाद
मिर्चपुर
में
शांति
व्यवस्था
बनाए
रखने
के
लिए
घटना
के
लगभग
6
साल
बाद
तक
सीआरपीएफ
के
75
जवान
तैनात
रहे।
2016
में
गांव
में
सुरक्षा
में
लगे
जवानों
को
हटा
दिया
गया।
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