20 लाख करोड़ का महापैकेज: 4 L पर फोकस, वित्त मंत्री आज करेंगी बड़ी घोषणाएं
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉकडाउन के 54 दिन में पांचवीं बार देश के संबोधित किया। इस दौरान पीएअम मोदी 33 मिनट तक बोले और करीब 2300 से ज्यादा शब्दों के इस्तेमाल के साथ ही देश के लिए महापैकेज की घोषणा कर दी। पीएम मोदी ने अपने पूरे संबोधन में 28 बार आत्मनिर्भर शब्द का इस्तेमाल किया। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट भारत के लिए संकेत, संदेश और अवसर भी है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बनना ही एक रास्ता है। उन्होंने कोरोना के कारण पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा कर दी है। इस पैकेज से जिन लोगों को ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद है वो 4L से जुड़े हैं।
क्या है 4 L
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 4 एल की चर्चा की। उन्होंने इस महापैकेज की घोषणा के साथ ही इशारा किया कि उनका फोकस 4 एल पर है, जिसमें लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ का शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने इन चार एल को ही प्रमुखता दी है। पीएम मोदी ने कहा कि आर्थिक पैकेज देश के उस किसानों के लिए, उन श्रमिकों के लिए है जो हर विकल परिस्थिति में देश के लिए दिन-रात जुटा रहता है।
आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भारत
पीएम मोदी ने कहा कि यह 20 लाक करोड़ का यह पैकेज 2020 में देश को आत्मनिर्भर बनाएगा। पीएम ने अपने संबोधन कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडी और लॉ पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस आर्थिक पैकेज से देश के लघु उद्योग, गृह उद्योग, कुटीर उद्योग, MSME को बड़ी राहत मिलेगी। यह पैकेज देश के मध्यमवर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है। उन उद्योगपतियों के लिए जो भारत को आर्थिक बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए जुटे हुए हैं। देश के गरीब, श्रमिक, प्रवासी मजदूरों, मछुआरे, रेड़ी पर समान बेचने वाले के लिए हैं।
आज वित्त मंत्री कर सकती हैं बड़ी घोषणाएं
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वित्त मंत्री इस राहत पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी देंगी। आज उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मिलकर इस महापैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी दे सकती है। 20 लाख करोड़ के पैकेज का ब्रेकअप दे सकती हैं। माना जा रहा है कि इस पैकेज से MSME , गृह उद्योग को ज्यादा मिल सकता है। एक्टपर्ट्स भी मानते हैं कि एमएसएमई सेक्टर को इस समय बहुत बड़े पैकैज की आवश्यकता थी। इस बड़े पैकेज से देश की अर्थव्यवस्था खासकर एमएसएमई को राहत मिलने की उम्मीद है।