चीन के साथ टकराव के बीच, लद्दाख में दो नई सड़कों को सरकार ने दी मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चीन बॉर्डर से लगे इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के मकसद से पूर्वी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी (DBO) सेक्टरमें दो और नई सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी है। इन दोनों ही सड़कों का मकसद सेना के मूवमेंट को आसान करना है। ये दोनों सड़कें भारत-चीन बॉर्डर पर 73 पूर्वनियोजित सड़कों का हिस्सा हैं। इन सड़कों की मंजूरी ऐसे समय में दी गई है जब पहले ही पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स की वजह से टकराव की स्थिति है। सरकार की प्राथमिकता डीबीओ के रास्ते सासेर ला तक पहुंचने वाली वैकल्पिक रोड है।
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हिमाचल और उत्तराखंड में भी निर्माण
वेबसाइट द प्रिंट ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि केंद्र सरकार भारत-चीन बॉर्डर पर दो सड़कों पर मोटरवे नेटवर्क को विकसित करने पर भी विचार कर रही है। इनमें से एक सड़क हिमाचल प्रदेश में पूह को लद्दाख के चुमार से जोड़ने वाली होगी। इसके अलावा एक सड़क उत्तराखंड के हर्षिल से हिमाचल के करचम तक होगी। दौलत बेग ओल्डी में सड़कों के निर्माण कार्य में तेजी आई है। यहां पर एक हवाई पट्टी भी है जिसका प्रयोग सेना और वायुसेना अक्सर करते हैं। भारत और चीन के बीच टकराव को चार माह हो चुके हैं। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) की तरफ से इन सड़कों के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी।
इस समय 73 सड़कों पर चल रहा काम
बीआरओ के पास इस समय भारत-चीन बॉर्डर पर 73 नई सड़कों के निर्माण की जिम्मेदारी है। लेकिन ये दो नई सड़कें इन 73 सड़कों के प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं हैं। बीआरओ ने चीन बॉर्डर के करीब सेना और हथियारों के मूवमेंट के मकसद से सड़कों के निर्माण कार्य में तेजी दिखाई है। सरकार के सूत्रों की तरफ से कहा गया है कि दोनों नई सड़कें करीब 150 किलोमीटर लंबी हैं और इनका निर्माण कार्य काफी जटिल होगा। जिस जगह पर इन सडकों का निर्माण कार्य हो रहा है, वहां पर भौगोलिक स्थिति काफी मुश्किल है। एक सड़क के निर्माण में 2,500 करोड़ से 3,000 करोड़ रुपए तक की लागत आएगी।