भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई: 5 साल में दो IAS हुए बर्खास्त, 9 IPS निलंबित
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि पिछले पांच सालों में भ्रष्टाचार के आरोपों में दो आईएएस अधिकारियों को बर्खास्त और नौ आईपीएस अधिकारियों को निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान यानी मई 2014 से मई 2019 के बीच भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 23 अधिकारियों और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के चार अधिकारियों के खिलाफ की गई है।
मंत्री ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि, केंद्र सरकार की मंजूरी प्राप्त करने के बाद, राज्य सरकार या जांच एजेंसियों ने अदालत के समक्ष आरोपी आईएएस /आईपीएस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए आरोप-पत्र दाखिल किए जाते हैं। कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा, अदालत के फैसले के अनुसार अधिकारियों से वसूली की जाती है। उसने कहा कि, पिछले पांच वर्षों के दौरान, भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोपों में बर्खास्त कर दिया गया है, और भारतीय पुलिस सेवा के नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
एक अन्य जवाब में सिंह ने कहा कि, कैलेंडर वर्ष 2018 और 2019 (31 मई, 2019 तक) के दौरान 43,946 शिकायतें केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को मिलीं हैं। इनमें से 41,755 शिकायतों का निस्तारण किया गया है। इन शिकायतों पर की गई कार्रवाई में 14,903 गुमनाम / छद्म नाम / अस्पष्ट / असत्यापित रूप से शिकायतें दर्ज करायी गईं थी। 26,463 शिकायतों को न्यायिक अधिकार क्षेत्र के साथ उपयुक्त अधिकारियों को भेजा गया। वहीं 389 शिकायतों को मुख्य सतर्कता अधिकारियों (सीवीओ) या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भेजी गईं।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार के विभागों में छह लाख 84 हजार नौकरियां खाली हैं। जल्द ही इन पर भर्तियां की जाएंगी। संसद में उनके लिखित जवाब के मुताबिक, केंद्र सरकार में कुल 38.02 लाख पदों में से 1 मार्च 2018 तक 31.18 लाख पोस्ट्स पर भर्तियां कर ली गईं, जबकि 6.84 लाख पद खाली रह गए हैं।
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