कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोट डालने वाले दोनों बीजेपी विधायक कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल
भोपाल। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिरने के बाद मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी के बीच शह और मात का खेल शुरू हो गया है। भाजपा को बुधवार को उस वक्त करारा झटका लगा जब मध्य प्रदेश विधानसभा में एक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान उसके दो विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने अपना समर्थन मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार को दे दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नारायण त्रिपाठी और शरद कौल नाम के इन दोनों बीजेपी विधायकों ने कांग्रेस में जाने की बात की पुष्टि कर दी है।
दोनों विधायकों ने अभी तक भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया है
नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने अपने आवास पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी से मुलाकात की। हालांकि दोनों विधायकों ने अभी तक भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया है। विधानसभा में बुधवार को कमलनाथ सरकार के एक बिल के पक्ष में वोटिंग करने वाले दोनों विधायकों को अज्ञात स्थान पर भेज दिया है। आज रात को कमलनाथ सरकार के भोज में ये दोनों विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल शामिल होंगे।
त्रिपाठी और कोल, दोनों पूर्व कांग्रेसी हैं
सरकार के बिल के समर्थन में वोट देने के बाद जहां नारायण त्रिपाठी ने बीजेपी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बीजेपी लगातार झूठे वादे करते हुए खुद का प्रचार करती रहती है। उन्होंने कहा कि उन्हें मैहर का विकास भी करना है और वह मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ हैं। इसी तरह शरद कौल ने भी कहा कि यह उनकी 'घर वापसी' जैसे है, क्योंकि वह पहले कांग्रेस में रह चुके हैं। त्रिपाठी और कोल, दोनों पूर्व कांग्रेसी हैं।
मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कांग्रेस को दी थी धमकी
मंगलवार को कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरने के बाद आज (बुधवार) को मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा में कहा कि ये सरकार कभी भी गिर सकती है। उन्होंने कहा, अगर हमारे ऊपर वाले नंबर 1 और 2 का आदेश हुआ तो कांग्रेस सरकार 24 घंटे भी नहीं चलेगी। कमलनाथ ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि आपके नंबर 1 और 2 समझदार हैं, इसलिए आदेश नहीं दे रहे। ये नंबर एक और दो कौन हैं? इनके बारे में सब लोग हकीकत जानते हैं। मध्य प्रदेश में हमारी सरकार पांच साल पूरे करेगी। अगर भाजपा को लगता है कि हमारे पास बहुमत नहीं है तो आज ही अविश्वास प्रस्ताव ले आएं। साबित हो जाएगा कि सरकार अल्पमत में है या नहीं। कमलनाथ ने कहा कि यहां बैठे विधायक बिकाऊ नहीं हैं।
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