सियाचिन में सेना की पेट्रोलिंग पार्टी बर्फीले तूफान की फंसी, दो जवान शहीद
नई दिल्ली। दक्षिण सियाचिन ग्लेशियर में करीब 18000 फुट की ऊंचाई पर शनिवार को सेना की पेट्रोलिंग पार्टी बर्फीले तूफान की चपेट में आ गई। आर्मी गश्ती दल सुबह के समय हिमस्खलन के चपेट में आया। बचाव कार्य के लिए हेलिकॉप्टर भेजे गए। इस हासदे में सेना के दो जवान शहीद हो गए हैं। इससे पहले सियाचिन ग्लेशियर में 18 नवंबर को भारतीय सेना की पोस्ट बर्फीले तूफान की चपेट में आ गई थी। इस घटना में 4 जवान शहीद हो गए थे, जबकि दो स्थानीय नागरिकों की मौत हो गई। उस दिन 8 सदस्यों की पेट्रोलिंग टीम तूफान में फंसी थी।
भारतीय सेना ने बताया कि आज तड़के जवान दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में 18,000 फीट की ऊंचाई पर गश्त कर रहे थे तभी हिमस्खल हुआ और बर्फ के पहाड़ में दबने से दो जवान शहीद हो गए। सेना ने बताया कि राहत एवं बचाव टीम घटनास्थल पर पहुंचकर फंसे जवानों को निकाल लिया है। 15 दिन में यह इस तरह की दूसरी घटना है जिसमें सेना के जवान शहीद हुए।
अभी कुछ दिन पहले ही दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में हुए एक हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के 4 जवान शहीद हो गए थे। वहीं बर्फ में दबने से 2 नागरिकों की भी मौत हो गई थी। वे पेट्रोलिंग पार्टी का हिस्सा थे। इसमें 8 जवान थे और जब बर्फीला तूफान आया तो ये जब नॉर्दन ग्लेशियर में मौजूद थे। इन सभी की मौत जबरदस्त हाइपोथर्मिया के चलते हुई।
बता दें कि कारकोरम क्षेत्र में लगभग 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर विश्व में सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र माना जाता है, जहां सैनिकों को फ्रॉस्टबाइट (अधिक ठंड से शरीर के सुन्न हो जाने) और तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है।
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