1993 मुंबई ब्लास्ट: टाडा कोर्ट का फैसला, अबू सलेम समेत 6 आरोपी दोषी करार, 1 बरी
मुंबई। साल 1993 में मुंबई को सिलसिलेवार बम धमाकों से दहलाने के मामले में आज फैसला सुनाया जा रहा है।
अदालत ने कहा कि सरकारी पक्ष ने जो केस बनाया था वो साबित कर दिया है। अदालत ने आरोपियों में अबू सलेम, दोषी करार दिया है। अदालत ने कहा कि गुजरात के भरूच से जो विस्फोटक लाया और कई लोगों एके-56 मुहैया कराया था इसलिए सलेम में भी दोषी है।
इससे पहले बता दें कि जस्टिस गोविंद ए सनप की अदालत ने कहा कि मुस्तफा डोसा पर सभी आरोप साबित हुए हैं जिसमें हत्या, विस्फोटक एक्ट और आपराधिक षड़यंत्र रचना शामिल है।
अदालत ने इस मामले में भारतीय दण्ड संहिता के तहत फिरोज खान को षड़यंत्र रचने, हत्या करने , टाडा और एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत दोषी करार दिया है इसके साथ ही ताहिर मर्चेंट को भी दोषी करार दिया गया है। अदालत ने करीमुल्ला शेख को भी मुंबई बम ब्लास्ट में दोषी करार दिया है।
देश के खिलाफ युद्ध नहीं
हालांकि अदालत ने अब्दुल कय्यूम को 1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में सभी आरोपों से बरी कर दिया है। कोर्ट ने पर्सनल बॉन्ड पर रिहाई का आदेश दिया है।
अदालत ने आरोपी रियाज सिद्दीकी को टाडा और अन्य आरोपों के तहत दोषी ठहराया है। मुंबई टाडा कोर्ट का मानना है कि रियाज सिद्दीकी के खिलाफ षड्यंत्र केा आरोप साबित करने में अभियोजन विफल रहा।
इसके साथ ही देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप से सभी को बरी कर दिया गया है।
वकील ने कहा...
अदालत के फैसले पर सरकारी वकील डीएन साल्वी ने कहा कि विशेष टाडा कोर्ट ने 1993 मुबंई ब्लास्ट में सेकेंड पार्ट का जो फैसला किया जिसमें 5 लोगों को 120 बी के तहत दोषी ठहराया गया है।
सरकारी वकील ने कहा कि आरोपियों ने जो वजह बताई थी वो 1992 में बाबरी विध्वंस था जिसका उन्हें बदला लेना था। उनके निशाने पर हिन्दू, वरिष्ठ नेता और पुलिस अधिकारी थे।
सजा पर तर्क के लिए कोर्ट ने 19 जून को अगली सुनवाई की तारीख तय की है।
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मुंबई टाडा कोर्ट का मानना है कि मुस्तफा डोसा, अबू सलेम, ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान '93 बम धमाकों के मामले में मुख्य साजिशकर्ता थे।
ये हैं आरोप
बता दें सलेम पर आरोप है कि उसने मुंबई स्थित कई जगहों पर विस्फोटक पहुंचाए। सलेम ने अभिनेता संजय दत्त के घर जाकर एके-47 राइफल और हैंड ग्रेनेड मुहैया कराने का आरोप है। मुस्तफा पर आरोप है कि उसने धमाके लिए मुंबई में समुद्र के किनारे आरडीएक्स और दूसरे विस्फोटक सामान उतरवाए थे।
वहीं रियाज सिद्दीकी पर आरडीएक्स से भरी मारूति वैन को अबू सलेम के देने, फिरोज और करीमउल्लाह पर धमाके का सामान पहुंचाने, मोहम्मद ताहिर मर्चेंट पर धमाके में शामिल कई लोगों को ट्रेनिंग के लिये पाकिस्तान भेजने औप अब्दुल कय्यूम पर भी संजय दत्त को हथियार पहुंचाने का आरोप है।
तब आया था बड़ा फैसला
गौरतलब है कि इस मामले में साल 2006 में सबसे बड़ा फैसला आया था जब 123 दोषियों में से 100 को सजा सुनाई थी और 23 लोग बरी हो गए थे।
इसी दौरान याकूब मेमन को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे साल 2015 के जुलाई महीने में फांसी दे दी गई थी। बता दें 1993 में हुए हमले 257 लोगों की मौत हुई थी और सैंकड़ों लोग घायल हुए थे।