1984 सिख दंगों पर पित्रोदा का बयान पार्टी लाइन से बिल्कुल अलग, माफी मांगे: राहुल गांधी
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के 1984 सिख नरसंहार पर दिए गए बयान पर बवाल जारी है। इस मामले में बीजेपी लगातार कांग्रेस को घेर रही है। अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि सैम पित्रोदा ने जो कहा वह पूरी तरह 'आउट ऑफ लाइन' है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।' उन्होंने कहा, ''मेरा मानना है कि 1984 एक ऐसी त्रासदी थी जिसने बहुत पीड़ा दी। न्याय होना चाहिए। जो लोग भी इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए।''
गांधी ने कहा, ''पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माफी मांगी, मेरी मां सोनिया गांधी ने माफी मांगी। हम सबने अपना रुख स्पष्ट कर दिया कि वह एक भयावह त्रासदी थी जो नहीं होनी चाहिए थी।'' इससे सैम पित्रोदा के बयान से खुद को अलग करते हुए कांग्रेस ने कहा कि हमने अपने नेताओं से संवेदनशील और संभलकर बयान देने की अपील की है। कांग्रेस ने कहा कि हमारा मानना है कि 1984 के सिख दंगों की ही तरह 2002 के गोधरा दंगों के पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए। किसी भी जाति, धर्म या पंथ के खिलाफ किए गए नरसंहार का कांग्रेस समर्थन नहीं करती है।
पित्रोदा ने मांगी माफी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सलाहकार सैम पित्रोदा ने 1984 के सिख दंगों पर विवादित बयान देने पर हंगामा मचने के बाद माफी मांग ली है। सैम पित्रोदा ने एक पत्रकार के सवाल पर कहा था कि '1984 में हुआ तो हुआ पिछले पांच साल में क्या हुआ इस पर बात करिए।' पित्रोदा के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया। भाजपा के नेताओं ने इस बयान को हाथों-हाथ लपक लिया।