
Hijab Row: मेंगलुरु में 19 मुस्लिम छात्राएं छोड़ रही पढ़ाई
नई दिल्ली, 17 जून। कर्नाटक में हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रवेश करने की जिद पर अड़ी 19 मुस्लिम छात्राएं पढ़ाई छोड़ने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। हाईकोर्ट के फैसले के तीन महीने बाद कॉलेज विकास समितियों (CDC) के फैसलों का पालन करने से इनकार करने वाली मुस्लिम छात्राएं फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाईं। ऐसे में उन्होंने अब नए कोर्स में दाखिला भी नहीं लिया।

मंगलुरु के एक सरकारी कॉलेज ने हाल ही में बार-बार चेतावनी के बावजूद अपनी कक्षाओं में हिजाब पहनने वाले 23 छात्रों को निलंबित कर दिया था। दक्षिण कन्नड़ के उप्पिनंगडी में फर्स्ट ग्रेड डिग्री कॉलेज ने बाद में छह छात्रों के निलंबन को रद्द कर दिया। इसके बाद जब उन्हें कहा गया कि वो कॉलेज के ड्रेस कोड का पालन करें तो छात्राओं ने इस निर्देश का पालन करने से इनकार कर दिया। ये निर्देश मुस्लिम छात्राओं को कॉलेज विकास समितियों (CDC) के फैसलों के तहत दिए गए थे। उनसे कहा गया कि सभी को हिजाब के बिना कॉलेज की ओर से निर्धारित वर्दी पहननी चाहिए लेकिन मंगलुरु के हेलयांगडी में सरकारी कॉलेज के 19 छात्राएं अपनी जिद पर अड़ी रहीं और उन्होंने ना तो कॉलेज में प्रवेश मिल सका और न ही उन्होंने परीक्षाएं दी।
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गत 15 मार्च को उच्च न्यायालय ने कॉलेज के अंदर हिजाब पहनने पर सख्ती से रोक लगाने का आदेश दिया। इसके बाद मंगलुरु के हलियांगडी कॉलेज में 19 मुस्लिम छात्राएं शिक्षाएं अपनी जिद के आगे शिक्षा से दूर हो रही हैं। उनका कहना है कि उच्च न्यायालय का आदेश केवल पूर्व के लिए लागू है। विश्वविद्यालय के कॉलेजों में, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह आदेश उन सभी संस्थानों तक सीमित है जहां सीडीसी ने विशिष्ट ड्रेस कोड या वर्दी निर्धारित की है। छात्राओं को उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वे हिजाब पहनने पर जोर दे रही हैं। कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि मुस्लिम छात्राओं के माता-पिता के साथ बातचीत का दौर भी चला। लेकिन यह निराशाजनक थी।