एल्गार परिषद मामला: 19 लोगों पर 'पीएम मोदी की हत्या की साजिश' का आरोप
पुणे। एल्गार परिषद मामले में महाराष्ट्र राज्य अभियोजन ने 19 आरोपियों के नाम यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) कोर्ट के पास बुधवार को भेजे हैं। इन लोगों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, देश के खिलाफ जंग छेड़ने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है। इन आरोपियों में मानवाधिकार वकील, लेखक और शिक्षाविदों समेत 9 कार्यकर्ता शामिल हैं।
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इस वजह से हुए थे गिरफ्तार
इन सभी को प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) से संपर्क रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों के अलावा वामपंथी विचारधारा वाले संगठन कबीर कला मंच (केकेएम) के पांच सदस्यों और 5 माओवादियों को भी आरोपी बनाया गया है। कोर्ट को भेजे गए ड्राफ्ट में कहा गया है कि सभी 19 आरोपी पीएम नरेंद्र मोदी को उनके रोड शो में मारने की साजिश रच रहे थे। बिलकुल उसी तरीके से जैसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की गई थी।
ड्राफ्ट में क्या है?
ड्राफ्ट में आईपीसी की धारा 121 और 121ए का जिक्र करते हुए कहा गया है, 'गिरफ्तार किए गए 19 आरोपी प्रतिबंधित आतंकी संगठन (सीपीआई माओवादी) के सक्रिय सदस्य हैं। इन्होंने केंद्रीय और राज्य सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश रची और इसी साजिश के तहत नेपाल और मणिपुर के सप्लायर से चार लाख राउंड्स के साथ एम-4 समेत अन्य हथियारों की खरीद के लिए 8 करोड़ रुपये भी जुटाए। इन्होंने राजीव गांधी की तरह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी रोड शो के दौरान हत्या करने की साजिश रची।'
प्रतिबंधित आतंकी संगठन के सक्रिय सदस्य
ड्राफ्ट में आईपीसी की धारा 121 और 121ए का जिक्र करते हुए कहा गया है, 'गिरफ्तार किए गए 19 आरोपी प्रतिबंधित आतंकी संगठन (सीपीआई माओवादी) के सक्रिय सदस्य हैं। इन्होंने केंद्रीय और राज्य सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश रची और इसी साजिश के तहत नेपाल और मणिपुर के सप्लायर से चार लाख राउंड्स के साथ एम-4 समेत अन्य हथियारों की खरीद के लिए 8 करोड़ रुपये भी जुटाए। इन्होंने राजीव गांधी की तरह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी रोड शो के दौरान हत्या करने की साजिश रची।'
जनवरी से शुरू हो सकती है बहस
इन लोगों ने 2017 में सीपीआई (माओवादी) के फंड से एल्गार परिषद का आयोजन किया। जिसका उद्देश्य सरकार को हटाने और अवैध गतिविधियों को करने की कोशिश करना था। इन गतिविधियों में लोगों को भड़काकर हिंसा भड़काना, फंड का आयोजन करना और आतंकी गतिविधियों के लिए काडर रिक्रूट करना शामिल है। टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ये ड्राफ्ट यूएपीए जज एसआर नवंदर को भेज दिया गया है। जानकारी के मुताबिक अगले साल जनवरी से आरोपों पर बहस शुरू हो सकती है।
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