सीमा विवाद: भारत-चीन के बीच 5वीं बैठक, डिसइंगेजमेंट पर सहमति बनी
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर गुरुवार को वर्किंग मैकेनिजम फॉर कंसल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन ऑन इंडिया-चीन बॉर्डर की बैठक हुई, लेकिन पिछली चार बैठकों की तरह इस बार भी दोनों पक्ष किसी नतीजा रही। इस बैठक में विदेश और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे। वहीं दोनों ही देशों की ओर से जारी बयान में आपसी सहमति बनने और शीघ्रता से सैनिकों की वापसी की बात कही गई है।
भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर (लद्दाख) में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सामान्य स्थिति कायम करने के संबंध में दोनों देशों के अधिकारियों ने विचार-विमर्श और समन्वय तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 18वीं बैठक में गुरुवार को हिस्सा लिया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्व एशिया) और चीन की ओर से विदेश मंत्रालय में सीमा एवं संमुद्री विभाग के महानिदेशक ने किया।
चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा कि सीमा संबंधी विचार-विमर्श और समन्वय तंत्र की बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में अग्रिम मोर्चों से सैनिकों को हटाने के संबंध में हुई सकारात्मक प्रगति का लेखा-जोखा दिया। दोनों देशों ने सीमा को लेकर सकारात्मक बातचीत की। आपसी सहमति से डिसइंगेजमेंट पर सहमति बनी। मौजूदा सहमति के आधार पर सीमा के मुद्दों का हल निकाला जाएगा। सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत जारी रखने और सेनाओें के बीच बातचीत के जरिए सीमा पर शांति बहाल की जाएगी।
सैनिक और कूटनीतिक स्तर पर संपर्क-संवाद बनाए रखने और तनाव को कम करने तथा सीमा पर संयुक्त रूप से शांति व सामान्य स्थिति बनाए रखने का फैसला किया गया। अब तक पांच बार कमांडर स्तरीय वार्ता का भी कोई खास नतीजा नहीं निकला है। 15 जून 2020 को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद के गलवन घाटी के कुछ हिस्सों से चीनी सैनिकों ने कुछ ढांचा और सामान पीछे किया था।
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