घाटी में पाकिस्तान के आतंकियों के छक्के छुड़ाने वाले BSF के जाबांज होंगे सम्मानित
नई दिल्ली। आने वाली 22 मई को दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिष्ठापन दिवस का कार्यक्रम आयोजित होगा। इस मौके पर बीएसएफ अपने कुछ जाबांज ऑफिसर्स और जवानों को सम्मानित करेगी। बीएसएफ के हिस्से अब तक एक महावीर चक्र, चार कीर्ति चक्र, 13 वीर चक्र, 13 शौर्य चक्र के अलावा वीरता के लिए 232 राष्ट्रपति पुलिस पदक और 929 पुलिस पदकों से सम्मानित किया जा चुका है। बीएसएफ का गठन एक दिसंबर 1965 को हुआ था। आज यह देश के काउंटर-इनसर्जेंसी ऑपरेशंस का अहम हिस्सा बन गई है। देश की रक्षा में बीएसएफ ने अब तक अपने 1889 सैनिकों को गंवा दिया है।
आतंकियों पर कहर बनकर टूट कमांडर भूपिंदर और गुरनाम
जिन बहादुरों को सम्मानित किया जाएगा उनमें पोस्ट कमांडर निरीक्षक भूपिंदर सिंह और उनके साथी गुरनाम का भी है। गुरनाम को मरणोपरांत पुलिस पदक सम्मान से नवाजा जाएगा। वाकया जम्मू में स्थित इंटरनेशनल बॉर्डर का है जहां पर बोबिया फॉरवर्ड में बीएसएफ की 173 बटालियन की पोस्ट है। 19 अक्टूबर 2016 की रात तकरीबन 23:45 बजे भूपिंदर सिंह सीमा पोस्ट पर तैनात जवानों की हौसला-आफजाई के लिए अपनी बुलेटपू्रफ गाड़ी से गश्त के लिए निकले। बॉर्डर से करीब 100मी. की दूरी पर बने रास्ते पर वह जैसे ही आगे बढ़े, घात लगाए बैठे आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया। आतंकियों के पास रॉकेट प्रोपेल ग्रेनेड (आरपीजी) व ऑटोटोमैटिक हथियार थे। भूपिंदर सिंह ने तुरंत स्थिति को भांपा और गाड़ी से निकलकर मोर्चा संभाला। इसी समय आरक्षक गुरनाम सिंह भी तुरंत हरकत में आ गए। उन्होंने अपनी लाइट मशीन गन से आंतकियों पर हमला किया।
आतंकियों पर गोलियां बरसाते गुरनाम ने आतंकियों को सांस लेने की मोहलत तक नहीं दी। इससे बौखलाए आतंकियों ने गुरनाम पर जवाबी फायरिंग की। फायरिंग में गुरनाम गंभीर रूप से घायल हो गए। आतंकी एक निश्चित दिशा में फायरिंग कर रहे थे। कमांडर सिंह ने नजदीक स्थित पोस्ट में पोजीशन संभाली और सीमा पोस्टों पर मौजूद जवानों को को आतंकियों पर चारों तरफ से हमला करने का आदेश दिया। आतंकियों को काफी नुकसान हुआ। कमांडर सिंह की सूझ-बूझ और युद्धकौशल की कुशल नीति ने आतंकियों को भागने पर मजबूर कर दिया था।
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