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डोनाल्प ट्रंप के नए वीजा नियम के खिलाफ कोर्ट पहुंचे 17 अमेरिकी राज्य, दायर किया मुकदमा

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नई दिल्ली। अमेरिका के 17 राज्यों ने ट्रम्प प्रशासन के नए वीजा नियम के तहत नॉन- इमीग्रैंट F-1 और M -1 छात्रों को अमेरिका में प्रवेश नहीं दिए जाने पर एतराज जताते हुए कोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं। उन्होंने COVID-19 महामारी के बीच लोगों को निष्कासित करने के कदम को क्रूर और गैरकानूनी कार्रवाई करार दिया है। इससे पहले 12 आईटी कंपनियों ने भी कोर्ट में मुकदमा दायर कर चुके हैं।

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गौरतलब है इमिग्रेशन और कस्टम इनफोर्समेंट डिपार्टमेंट ने गत 6 जुलाई को एक बयान जारी कर कहा था कि नॉनइमिग्रैंट F-1 और M -1 छात्रों को अमेरिका में प्रवेश नहीं दिया जाएगा । इसके बावजूद अगर वह अभी भी अमेरिका में रह रह हैं तो उन्हें अमेरिका छोड़कर अपने देश जाना होगा। यानि इस नियम को न मानने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

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होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट और ICE के खिलाफ दायर किया मुकदमा

होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट और ICE के खिलाफ दायर किया मुकदमा

17 अमेरिकी राज्यों ने मुकदमा यूएस के मैसाचुसेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DHS) और ICE के खिलाफ दायर किया है, जो पूरे नियम को लागू होने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा चाहते हैं। मुकदमे में महामारी के संयुक्त राज्य अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को निष्कासित करने के संघीय सरकार के फैसले को क्रूर और गैरकानूनी कार्रवाई बताते हुए चुनौती दी गई है।

संवेदनहीन नए वीजा नियम के आधार को समझाने का प्रयास नहीं किया गया

संवेदनहीन नए वीजा नियम के आधार को समझाने का प्रयास नहीं किया गया

राज्यों के संयुक्त मुकदमे दायर करने में 18 अटॉर्नी जनरल के गठबंधन का नेतृत्व करने वाले मैसाचुसेट्स अटॉर्नी जनरल मौर्य हेले ने एक बयान में कहा कि ट्रम्प प्रशासन ने इस संवेदनहीन नियम के आधार को समझाने का प्रयास भी नहीं किया। उन्होंने आगे कहा, मैसाचुसेट्स हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों का घर है, जो हमारे शैक्षिक संस्थानों, समुदायों और अर्थव्यवस्था में अमूल्य योगदान देते हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए यह कार्रवाई कर रहे हैं ताकि वे इस देश में रह सकें और पढ़ सकें।

ट्रंप प्रशासन के नए वीजा नियम के खिलाफ दायर संयुक्त मुकदमें में 17 राज्य

ट्रंप प्रशासन के नए वीजा नियम के खिलाफ दायर संयुक्त मुकदमें में 17 राज्य

ट्रंप प्रशासन के नए वीजा नियम के खिलाफ संयुक्त मुकदमा दायर करने वाले अमेरिका राज्यों में कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, इलिनोइस, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, मिनेसोटा, नेवादा, न्यू जर्सी, न्यू मैक्सिको, ओरेगन, पेंसिल्वेनिया, रोड आइलैंड, वर्मोंट, वर्जीनिया और विस्कॉन्सिन शामिल हैं।

F-1 वीजाधारक छात्र अकैडमिक कोर्स वर्क में हिस्सा लेते हैं

F-1 वीजाधारक छात्र अकैडमिक कोर्स वर्क में हिस्सा लेते हैं

F-1 वीजाधारक छात्र अकैडमिक कोर्स वर्क में हिस्सा लेते हैं जबकि M-1 वीजाधारक छात्र 'वोकेशनल कोर्सवर्क' के छात्र होते हैं। डिपॉर्टमेंट के मुताबिक जिन छात्रों की ऑनलाइन क्लासेज चल रही है उन्हें अगले सेमेस्टर से वीजा नहीं दिया जाएगा। जबकि यूनीवर्सिटीज ने अगले सेमेस्टर की योजना नहीं बताई है।

अर्थव्यवस्था में 3.2 बिलियन डालर से अधिक का योगदान करते हैं छात्र

अर्थव्यवस्था में 3.2 बिलियन डालर से अधिक का योगदान करते हैं छात्र

मैसाचुसेट्स प्रत्येक वर्ष हजारों अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की मेजबानी करता है। वर्तमान में मैसाचुसेट्स में सक्रिय छात्र वीजा के साथ 77,000 अंतर्राष्ट्रीय स्टूडेंट्स हैं, जो प्रत्येक वर्ष अमेरिका अर्थव्यवस्था में 3.2 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का योगदान करते हैं।

कई अमेरिकी यूनीवर्सिटीज भी दायर कर चुकी है मुकदमा

कई अमेरिकी यूनीवर्सिटीज भी दायर कर चुकी है मुकदमा

हॉपकिन्‍स विश्वविद्यालय,हार्वर्ड और एमआईटी जैसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान भी नए अमेरिकी वीजा नियम के खिलाफ अमेरिकी प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर कर चुकी हैं।

H1B वीजा का भी विरोध कर चुकी है अमेरिकी आईटी कंपनियां

H1B वीजा का भी विरोध कर चुकी है अमेरिकी आईटी कंपनियां

स्टूडेंट वीजा के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एच-1 बी वीजा समेत विदेशियों को जारी होने वाले काम से जुड़े वीजा को साल के अंत तक निलंबित करने के फैसले पर भी ट्रंप प्रशासन को इन कंपनियों का गुस्सा झेलना पड़ा था।

अमेरिका की आर्थिक सफलता में अप्रवासियों का बड़ा योगदानः गूगल CEO

अमेरिका की आर्थिक सफलता में अप्रवासियों का बड़ा योगदानः गूगल CEO

नए अमेरिकी वीजा नियम के खिलाफ Google, Facebook और Microsoft समेत 12 आईटी कंपनियों ने इसके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर कर चुके हैं। एक ट्वीट में गूगल सीईओ सुंदर पिचई ने कहा था कि अमेरिका की आर्थिक सफलता में अप्रवासियों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने देश को तकनीक में वैश्विक रूप से अग्रणी बनाया है। मैं इस घोषणा से निराश हूं। पिचई के बाद टेस्ला के एलन मस्क और माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रेड स्मिथ ने भी इसका विरोध किया।

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English summary
17 US states have reached court seeking non-immigrant F-1 and M-1 students not being admitted to the US under the Trump administration's new visa rule. They termed the move to expel people in the midst of the COVID-19 epidemic as cruel and illegal. Earlier, 12 IT companies including Google, Facebook and Microsoft have filed lawsuits against it.
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