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उमा भारती ने किया ग्राम प्रधानों से अनुरोध, जरा गंगा की सफाई पर दें ध्यान

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नयी दिल्ली। केंद्रीय़ जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने गंगा के किनारे स्थिति गांवों के ग्राम प्रधानों और सरपंचों से आग्रह किया है कि वे गंगा संरक्षण की महती योजना में आगे बढ़कर अपना योगदान करें। आज नई दिल्ली में देश भर से आए 1600 से अधिक ग्राम प्रधानों और सरपंचों के एक दिवसीय स्वच्छ गंगा और ग्रामीण सहभागिता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय का नमामि गंगे कार्यक्रम क्रियान्वयन की दिशा की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हांलाकि गंगा में होने वाले प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से बड़े -बड़े शहरों के सीवर तथा औद्योगिक प्रदूषण जिम्मेदार हैं, परंतु आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि गंगा की पूर्ण सफाई के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से होने वाली गंदगी की रोकथाम भी उतनी ही जरूरी है।

1,600 villages along Ganga to be made filth free: Uma Bharti

भारती ने कहा कि "मैंने स्वंय कई यात्राएं की और यह पाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े-बड़े नाले गंगा में गिर रहे हैं और इसे गंदा कर रहे हैं। मेरा मंत्रालय इससे निपटने के लिए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।' उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों के निर्माण के लिए इस वित्त वर्ष में जल संसाधन मंत्रालय द्वारा पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय को 263 करोड़ रूपए मुहैय्या कराया गया है।

भारती ने सरपंचों से कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में शौचालयों के बारे में उनका यह अनुभव रहा है कि शौचालयों का निर्माण हो जाता है, परंतु उनका प्रयोग नहीं किया जाता। भारती ने कहा " मैं आपसे निवेदन करती हूं कि आप अपने क्षेत्र में इस संबंध में जागृति लाएं तथा लोगों के इनके अधिकाधिक प्रयोग के लिए प्रेरित करें। मेरा मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक Bio-digester शौचालयों के निर्माण पर भी विचार कर रहा है।"

भारती ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से नदी में गिरने वाले नालों की रोकथाम का काम केंद्र सरकार के कुछ सार्वजनिक उपक्रमों के सुपुर्द कर दिया है। इन उपक्रमों ने फील्ड सर्वेक्षण का कार्य भी शुरू कर दिया है एवं सर्वेक्षण पूरा होने के बाद इस दिशा में कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होने कहा कि नालों के लिए हम इस प्रकार की योजना बना रहे हैं कि इनके गंदे पानी को जैविक रूप या अन्य तकनीक से शुद्ध कर इसका खेती तथा जब खेती में आवश्यकता न हो तब वाटर रिचार्जिगं में उपयोग किया जा सके।

भारती ने कहा कि इस काम में स्थानीय सहभागिता इस तरह से की जाएगी जिससे जल शोधन संयत्र के उपरोंत स्थानीय पंचायतें इस काम को आगे ले जाएं। इस अवसर पर जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने नमामि गंगे कार्यक्रम को तेजी आगे बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, पोत-परिवहन मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, आयुष मंत्रालय तथा युवा मामले और खेल मंत्रालय के साथ अलग-अलग आशय समझौते भी किए।

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English summary
The Centre will implement a four-pronged programme in which as many as 1,600 villages along the Ganga stretch will be made filth free by October, Union minister Uma Bharti said on Saturday.
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