16 साल के मुस्लिम लड़के अब्दुल कागजी ने जीता भगवद गीता क्विज कम्पटीशन
नई दिल्ली- 16 साल के एक मुस्लिम किशोर ने जयपुर में आयोजित भगवद गीता क्विज जीतने में सफलता पाई है। जयपुर में यह सवाल-जवाब प्रतियोगिता हरे कृष्णा मिशन और अक्षय पात्र फाउंडेशन ने मिलकर आयोजित किया था। जयपुर में दो राउंड में आयोजित हुआ ये क्विज कम्पटीशन 6 महीने में पूरा हुआ, जिसमें करीब 5,000 स्टूटेंस शामिल हुए। स्थानीय सीनियर सेकंडरी स्कूल के छात्र अब्दुल कागजी को यह पुरस्कार रविवार को राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के हाथों दिया जाएगा।
मुस्लिम लड़का भगवद गीता क्विज का विजेता
9वीं के छात्र अब्दुल कागजी के संस्कृत के श्लोकों और छंदों की जानकारी ने क्विज कम्पटीशन में शामिल जजों को भी चौंका दिया है। उसकी संस्कृत पर पकड़ और उसके ज्ञान को देखकर सब हैरान रह हए हैं। इस बार क्विज कम्पटीशन का थीम रखा गया था 'श्री कृष्ण को जानना।' कागजी का कहना है कि कृष्ण के प्रति उसका आकर्षण कार्टून सीरीज 'लिटिल कृष्णा' देखकर पैदा हुआ और तब उसके मन में विचार आया कि कृष्ण कितने प्रतिभाशाली थे कि वे कोई भी समस्या बहुत ही आसानी से सुलझा देते थे। उसके बाद उसने कृष्ण पर मथुरा नाथ की लिखी एक किताब पढ़ी। प्रतियोगिता का पहला राउंड सितंबर मे हुआ था, जिसमें छात्र लिखित परीक्षा में शामिल हुए। बाद में उनमें से 60 छात्रों को इंटरव्यू के लिए चुना गया।
कागजी के पिता ने दिल की बात मानने की शिक्षा दी
अब्दुल कागजी के पिता अब्दुर कलीम जयपुर के ही सांगानेर इलाके में अपने तीन मंजिले मकान में किराने की एक दुकान चलाते हैं। कागजी का कहना है कि उसके पिता उससे अपनी दिल की मानने को कहते हैं। उसने कहा है, 'मेरे पिता ने मुझे अपने दिल का करने की इजाजत दी है और किसी भी आस्था या उसे मानने को लेकर कभी भी कोई रोक नहीं लगाई है। मैं अध्यात्म से जुड़े विभिन्न तथ्यों के अध्ययन के लिए उन्हीं का मोबाइल इस्तेमाल करता रहा हूं।' शुक्रवार को विजेता घोषित होने के बाद कागजी जब पहले बार हरे कृष्ण मंदिर पहुंचा तो मंदिर में पुजारी मंत्रों का जाप कर रहे थे। जब पुजारी ने बताया कि इसे जाने-माने कवि रास खान ने लिखा है तो वो इसे सुनकर मंत्रमुग्ध हो गया।
कृष्ण पर पेंटिंग प्रतियोगिता में भी शामिल हो चुका है
बाद में हरे कृष्णा मिशन के संस्कृति शिक्षा सेवा के प्रमुख स्वामी सिद्ध स्वरूप दास ने कहा कि कागजी महान भारती आध्यात्म के संदेश को फैलाने के हमारे मिशन पर खरा उतरे, जिसके मूल्य सभी धर्म में मौजूद हैं। इंटरव्यू पैनल ने ही आध्यात्म को लेकर उनकी समझ से बहुत उत्साहित हुआ, इसलिए उन्हें विजेता घोषित के तौर पर चुना गया। दास ने बताया कि कागजी इससे पहले भी हरे कृष्णा मिशन के दो प्रतियोगिताओं में शामिल हो चुका है जिसमें से एक भगवान कृष्ण पर पेंटिंग को लेकर आयोजित की गई थी। उन्होंने बताया कि मुस्लिम किशोर के पिता भी उसे जीवन के अच्छे मूल्यों के बारे में सिखाते हैं। अब उन्हें इस बात का गर्व है कि कुरान पर प्रतियोगिता जीतने के बाद उनका बेटा गीता पर भी क्विज जीतने में सफल हुआ है।
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