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निर्भया गैंगरेप के नाबालिग रेपिस्ट की सजा पर चुप क्यों हैं आमिर खान?

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नई दिल्ली। हाल ही में असहिष्णुता पर बवाल मचा तो ऐक्टर आमिर खान ने देश छोड़ने तक की बात कह डाली। आज जब नाबालिग बलात्कारी को छोड़ने की चर्चा है, तो आमिर क्यों शांत हैं? क्या आमिर बदल गये हैं?

निर्भया गैंगरेप: तरीखें बदलीं, कानून बदले पर नहीं थमा बलात्‍कार का सिलसिला

क्या ये वो आमिर खान नहीं हैं, बिटिया से बलात्कार की कहानी सुनकर जिनकी आंखों में आंसू आ गये थे। क्या आज आमिर खान को जुवेनाइल कोर्ट के जजमेंट और दिल्ली सरकार के 10 हजार रुपए वो फैसले के ख‍िलाफ आगे नहीं आना चाहिये?

16 dec Nribhaya Rape Case: Why Aamir Khan is Silent on 'Juvenile' release?

1 मार्च 2014 को अपने हिट शो सत्यमेव जयते के जरिये लोगों के दिलों में महिलाओं और लड़कियों के लिए इज्जत की भावना जगाने की कोशिश करने वाले आमिर खान खुद उस एपीसोड में निर्भया के लिए भावुक दिखे थे। अपने हीरो को टीवी पर रोता देख उस शो को देख रहे करोड़ों लोगों की आखें भी नम हो गई थीं, लेकिन आज जब उस निर्भया के नाबालिग दोषी को छोड़ने की बातें हो रही हैं, तो क्यों आमिर खान चुप्पी साधे हैं। अब कहां हैं उनके वो आंसू और दर्द जो कि निर्भया को लेकर चलाये गये अपने एपीसोड में उन्होंने दिखाने की कोशिश की।

निर्भया गैंगरेप: तरीखें बदलीं, कानून बदले पर नहीं थमा बलात्‍कार का सिलसिला

यकीन नहीं होता तो जरूर देखें यह वीडियो..

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में असहिष्णुता मानकर देश छोड़ने के बात करने वाले आमिर खान सत्यमेव जयते के एक एपिसोड के 3 करोड़ रुपए लेते थे। ऐसे में एक ही सवाल उठता है, वो आंसू जो स्क्रीन पर दिखते थे, वो क्या थे? निर्भया जैसी लड़कियों के लिये दर्द या तीन करोड़ में ऐक्ट‍िंग?

वैसे सच पूछिए तो सामाजिक जिम्मेदारी जो उन्होंने अपने शो सत्यमेव जयते के जरिये उठायी थी। उस पर उन्हें सबसे पहले अमल करना चाहिये। आज अगर आमिर खान एक बार कह दें कि निर्भया कांड के आरोपी को छोड़ना गलत है, तो करोड़ों भारतीय उनकी हां में हां मिलाने के लिये खड़े हो जायेंगे। लेकिन ऐसा होगा, इसमें संदेह है, क्योंकि इस एपिसोड के लिये उन्हें कोई पैसे नहीं मिलेंगे।

20 दिसम्बर को रिहा किया जाना है नाबालिग अपराधी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 दिसम्बर, 2012 सामूहिक दुष्कर्म मामले में नाबालिग आरोपी की रिहाई के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्वामी ने अपनी याचिका में नाबालिग में सुधार पर संदेह जाते हुए उसे सुधार गृह में ही रखने का अनुरोध किया है।

नाबालिग अपराधी को किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के आदेश पर 20 दिसम्बर को रिहा किया जाना है, लेकिन केंद्र सरकार ने भी यह कहते हुए इस अवधि को बढ़ाने का अनुरोध किया है कि उसकी रिहाई के बाद जो कुछ आवश्यक कदम उठाए जाने हैं, वे अभी पूरे नहीं हुए हैं।

आप इस बारे में क्या कहना चाह रहे हैं..अपनी राय जरूर नीचे के कमेंट बॉक्स में दर्ज करायें।

Comments
English summary
The parents of Nirbhaya, who was brutally gang-raped here on December 16, 2012, were upset on Wednesday and fiercely opposed the release of the convict who was found to be a juvenile at the time of the crime.
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