दिल्ली हिंसा: पुलिस को दंगों के दौरान 4 दिनों में आई थीं 15000 PCR कॉल
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों हुई हिंसा के बाद अब हालात धीमे-धीमे शांत हो रहे हैं। लेकिन दिल्लीवालों में हिंसा को लेकर अभी भी दहशत बरकरार है। पुलिस और दिल्ली प्रशासन लगातार दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच एक टीवी चैनल ने दावा किया है कि, दिल्ली में चार दिनों तक हुई हिंसा के समय पुलिस के पास मदद के लिए 15 हजार से अधिक कॉल आईं थी।
पुलिस को मदद के लिए 15000 पीसीआर कॉल मिली
इंडिया टुडे टीवी ने दावा किया है कि, हिंसा के दौरान 4 दिन तक दिल्ली पुलिस को करीब 15,000 कॉल अपने पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) की हेल्पलाइन पर मदद मांगने के लिए मिली थी। अकेले रविवार को ही, पुलिस को सहायता के लिए कम से कम 700 कॉल आए थे। लेकिन दंगा प्रभावित इलाकों में कई घंटे तक लोगों को पुलिस मदद नहीं मिल सकी। प्रति मिनट चार-पांच कॉल्स आती रहीं।
उस दिन एक मिनट में पांच-छह कॉल्स आ रही थीं
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि, दिल्ली में दंगों के दौरान दर्जनभर इलाकों से ही हजारों कॉल्स आईं थी।जाफराबाद, मौजपुर, गोकुलपुरी, बाबरपुर, चांदबाग, बृजपुरी और दूसरे क्षेत्रों से सोमवार को करीब 34 सौ कॉल्स मिलीं। इसके अगले दिन 76 सौ कॉल्स आईं। इसमें कई अन्य इलाके भी शामिल रहे। हालत यह रही कि एक मिनट में पांच-छह कॉल्स आ रही थीं। दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम में 60 से ज्यादा कर्मी करीब 55 चैनल पर काम कर रहे थे। ज्यादातर कॉल ऐसी थी, जिसमें सही पते की जानकारी नहीं मिल रही थी।
दिल्ली पुलिस की 900 पीसीआर वैन हर वक्त तैनात रहती है
दिल्ली पुलिस दावा करती है कि उनकी पीसीआर वैन कॉल मिलने के बाद कहीं भी अधिकतम पांच मिनट में पहुंच जाती है। लेकिन उन चार दिनों में दिल्ली में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। करीब सात हजार जवान 900 पीसीआर वैन पर तैनात रहते हैं। रोजाना पीसीआर को औसतन 60 हजार कॉल्स मिलती हैं। इनमें से 78 फीसदी कॉल का रिस्पॉन्स टाइम पांच मिनट से भी कम रहता है।
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