एक कोरोना पॉजिटिव शख्स के कारण सरकार ने सील किए यूपी के 14 गांव
लखनऊ। दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने का सिलसिला जारी है। उत्तर प्रदेश के बदायूं के भवानीपुर खली इलाके में एक शख्स के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद आसपास के 14 गांवों को सील कर दिया गया है। वह व्यक्ति पिछले महीने दिल्ली में हुए धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाया गया व्यक्ति आंध्र प्रदेश का रहने वाला है और वह यहां की एक मस्जिद में रह रहा था।
संक्रमित शख्स जमात में हुआ था शामिल
जिला अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि, आंध्र प्रदेश से आने वाला यह शख्स एक स्थानीय मस्जिद भवानीपुर खली इलाके में रह रहा था, जो शनिवार को कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव पाया गया। कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुआ था। प्रशांत कुमार ने कहा, उस व्यक्ति का कोरोना वायरस परीक्षण पॉजिटिव आने के बाद जिला प्रशासन ने उस गांव से तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले 14 गांवों को सील कर दिया है। 14 गांवों को क्वारंटीन कर दिया गया है।
सील किए गए गांवों में सरकार कर रही है होम डिलीवरी
अधिकारी ने कहा कि गांवों की सीमाएं भी सील कर दी गई हैं, और क्षेत्र में जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और संदिग्ध मामलों के परीक्षण किए जा रहे हैं। हॉटस्पॉट घोषित होने के बाद डीएम ने सहसवान तहसील क्षेत्र के सभी बैंक और ग्राहक सेवा केंद्र बंद करने के निर्देश दिए हैं। उधर आगरा में एक बार फिर कोरोना का कहर देखा जा रहा है। सोमवार को यहां एक दिन में 35 नए मामले सामने आने के बाद प्रशासन में फिर हड़कंप मच गया है।
आगरा में फिर बढ़ी मरीजों की संख्या
इससे पहले आगरा की स्थिति को देखते हुए माना जा रहा था कि यहां के मॉडल को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए, लेकिन अचानक से संक्रमितों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी ने एक बार फिर से इस बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। इससे पहले आगरा मॉडल की केंद्र सरकार ने भी प्रशंसा की थी। क्योंकि यहां 10 व्यक्ति संक्रमित होने के बाद भी ठीक हो गए थे। देश में सबसे पहले हॉटस्पॉट को चिन्हित करने और उन्हें सील करने का काम आगरा में ही किया गया था। हालांकि अब जब मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है तो आगरा मॉडल पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
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