क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

टोकोफ़ोबिया यानी बच्चा पैदा करने का डर, इस बीमारी के बारे में जानते हैं?

विशेषज्ञों के मुताबिक़ दुनिया में तकरीबन 14 फ़ीसदी औरतों को यह बीमारी है.

By एली लेही - बीबीसी 5 लाइव के लिए
Google Oneindia News
Pregnant women

''मुझे अपने पेट में कोई भी बाहरी चीज आने का डर लगता है.'' यह कहना है 26 साल की सामंता का.

सामंता टोकोफ़ोबिया से जूझ रही हैं. इस फ़ोबिया से पीड़ित महिलाओं को प्रेगनेंसी और बच्चों को जन्म देने से डर लगता है. विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया में तकरीबन 14 फ़ीसदी औरतों को यह परेशानी होती है.

सामंता बताती हैं, ''मेरे दिमाग में ये डर हमेशा बैठा रहता है. गर्भवती महिलाओं को देखकर मैं घबरा जाती हूं. यहां तक कि प्रेगनेंसी या बच्चे पैदा करने की बात सुनकर ही मुझे पसीना आने लगता है, मैं कांपने लगती हूं.''

बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था टॉमी के मुताबिक,''ज्यादातर महिलाएं प्रेगनेंसी को लेकर नर्वस होती हैं, जोकि सामान्य है. लेकिन टोकोफ़ोबिया इस सामान्य घबराहट से बिल्कुल अलग है.''

क्या प्रेग्नेंसी में सेक्स से परहेज करना चाहिए?

रेना ऐसी महिलाओं की मदद के लिए काम करती हैं. उन्होंने बताया,''टोकोफ़ोबिया से ग्रसित महिलाएं प्रेगनेंसी को टालने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं. वो मां बनने से इतना डरती हैं कि गर्भपात तक करा लेती हैं.''

सामंता भी हर हफ़्ते थेरेपी के लिए जाती हैं लेकिन उन्हें लगता है कि उनका परिवार और दोस्त अक्सर उन्हें समझ नहीं पाते. उन्होंने बताया,''वे कहते हैं कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है और मैं ओवररिऐक्ट कर रही हूं.''

सामंता के पति कई साल से परिवार बढ़ाना चाहते हैं. वो बताती हैं,''मैंने अपने डर को दूर करने और गर्भनिरोधक दवा न खाने की कोशिश की लेकिन अब तो मैं डर के मारे सेक्स से भी दूर रहना चाहती हूं.''

मां बनने वाली हैं तो पर्दा क्यों?

उन्होंने आगे बताया,''मैंने कई बार अपने पति से छिपाकर दवा खाने की भी सोची, ताकि मैं प्रेगनेंट न हो जाऊं. मैं इसके लिए तैयार नहीं हूं कि कोई मेरे पेट में सांस ले, पांव चलाए और पेट में ही पले-बढ़े. मुझे अपने शरीर पर भरोसा नहीं है. मैं नहीं जानती कि मेरे दिमाग में ये डर कैसे आया.''

मिडवाइफ़ का काम करने वाली सोफ़ी किंग बताती हैं कि पहले के मुक़ाबले अब उन्हें ऐसी महिलाएं ज्यादा देखने को मिलती हैं जिनके मन में प्रेगनेंसी को लेकर डर होता है.

उन्होंने कहा, ''इसकी एक वजह यह भी है कि टोकोफ़ोबिया कहीं न कहीं एंग्जाइटी डिसऑर्डर से जुड़ा है और अब ज्यादा लोग इस डिसऑर्डर के शिकार हैं.''

प्रेग्नेंसी में कितना और क्या खाना चाहिए?

33 साल की लौरा ने भी अपने इस डर से छुटकारा पाने के लिए थेरेपी की मदद ली थी. उन्होंने कहा,''फ़िल्मों और टीवी में बच्चे के जन्म को आम तौर पर सही तरीके से पेश नहीं किया जाता है. मुझे बताया गया कि मेरी एक दोस्त को छह दिनों तक प्रसव का दर्द हुआ और उसे ऐसा लगा जैसे वो दो टुकड़ों में बंट गई है. यह सब सुनकर मेरे मन में डर बैठ गया था.''

सोफ़ी ने बताया कि टोकोफ़ोबिया दो तरह का होता है. एक तो वो जो उन महिलाओं को होता है जो पहले कभी प्रेगनेंट नहीं हुई हैं. दूसरे तरह का टोकोफ़ोबिया उन औरतों में देखने को मिलता है जो पहले प्रेगनेंट होने या मां बनने के अनुभव से गुजर चुकी हैं.

सोफ़ी का मानना है कि इसकी वजह लड़की के साथ अतीत में हुआ किसी तरह का शोषण, मानसिक तकलीफ़ या बुरे अनुभव से जुड़ी हो सकती है.

प्रेगनेंसी के दौरान महिला फिर हुई गर्भवती

एलेक्सिया भी इस परेशानी का सामना कर चुकी हैं, लेकिन अब वो खुद दूसरी औरतों को इस बारे में बताती हैं.

उन्होंने कहा,''बच्चों के जन्म के बारे में हमें बड़ी मुश्किल से कोई सकारात्मक खबर पढ़ने को मिलती है. मैं मीडिया को भी इसके लिए आगे आने को कह रही हूं.''

26 साल की बेकी का सुझाव है कि टोकोफ़ोबिया से पीड़ित महिलाओं के लिए सपोर्ट ग्रुप्स होने चाहिए. उन्हें बताया जाना चाहिए कि यह नॉर्मल है और इससे निकला जा सकता है.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
14 percent of women in the world are suffering from this disease.
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X