चंद्रबाबू नायडू समेत टीडीपी के 14 सदस्य विधानसभा से निलंबित, सदन में हंगामे का आरोप
चेन्नई। पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उनके 13 विधायकों को सोमवार को आंध्र प्रदेश की विधानसभा से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। नायडू की अगुवाई में टीडीपी विधायकों द्वारा सत्तारूढ़ वाईसीपी सरकार के व्यवहार के विरोध में स्पीकर के पोडियम के सामने धरना दिया गया था। जिसके बाद सदन के स्पीकर ने इससे अनुशासन हीनता मानते हुए टीडीपी विधायकों को निलंबित कर दिया।
टीडीपी विधायकों ने ये भी आरोप लगाए कि सदन में मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी सदन में विपक्ष के नेता के खिलाफ असंवेदनशील टिप्पणी कर रहे थे। चंद्रबाबू नायडू के साथ टीडीपी विधायक बाला वीरांजनेयुलु, निम्मला रामा नायडू, सांबाशिव राव, आदिरेड्डी भवानी, गद्दे राममोहन, मंतेना रामाराजू, अच्चे नायडू, बी अशोक, पय्यावुला केशव, वेलगापुडी रामकृष्णा बाबू, बुच्चय्या चौधरी, जोगेश्वर राव और सत्यप्रसाद को निलंबित हुए।
सदन से निलंबित किए जाने के बाद चंद्रबाबू नायडू और उनके विधायकों ने बाहर आकर विधानसभा के मुख्य द्वार के सामने प्रदर्शन किया। टीडीपी के सदस्य सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे क्योंकि उन्हें महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। जिसमें हाल के महीनों में बाढ़ और चक्रवात के कारण भारी नुकसान झेल रहे पीड़ित किसानों को राहत भुगतान जैसे मुद्दे शामिल थे। विधानसभा में बवाल कृषि पर एक छोटी चर्चा के दौरान कृषि मंत्री के कन्ना बाबू के एक बयान के बाद हुआ।
तेदेपा के उप नेता निम्मला रामानायडू को बाद में बोलने की अनुमति दी गई, लेकिन उन्हें राजकोष बेंच से लगातार पलटवार का सामना करना पड़ा। रामानायडू की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तेदेपा सदस्य सदन में "उपद्रव" का सहारा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि टीडीपी विधायक बिना किसी मुद्दों पर बोल रहे थे। जगन ने कहा कि सरकार दिसंबर के अंत तक प्रभावित किसानों को इनपुट सब्सिडी वितरित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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