सीमा विवाद के बीच 17 नवंबर को ब्रिक्स देशों की बैठक, पीएम मोदी और जिनपिंग हो सकते हैं शामिल
नई दिल्ली: ब्रिक्स देशों की बैठक आगामी 17 नवंबर को आयोजित की जाएगी। कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार की बैठक वर्चुअल होगी। ब्रिक्स की ये 12वीं बैठक है, जिसका विषय 'वैश्विक स्थिरता के लिए ब्रिक्स की भागीदारी, साझा सुरक्षा और नवीन विकास' है। चीन का कई देशों के साथ तनाव बढ़ गया है, ऐसे में इस बार की बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
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वहीं संभावना जताई जा रही है कि इस बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। ऐसे में सीमा विवाद के बाद ये पहला मौका होगा जब दोनों के राष्ट्राध्यक्ष आमने-सामने होंगे। भारत-चीन के अलावा रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के भी मुखिया इस बैठक में मौजूद रहेंगे। वहीं रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सलाहकार एंटोन कोबायाकोव के मुताबिक कोरोना वायरस के बाद मौजूदा वैश्विक स्थिति के बावजूद, 2020 में रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स की गतिविधियों को एक सुसंगत तरीके से आयोजित किया जा रहा है।
रूस के विदेश मंत्री की अध्यक्षता में हुई ब्रिक्स की बैठक, एस जयशंकर ने कही ये बात
जुलाई
में
होनी
थी
बैठक
भारत
में
रूसी
संघ
के
दूतावास
ने
जानकारी
देते
हुए
कहा
कि
21
से
23
जुलाई
2020
के
बीच
सेंट
पीटर्सबर्ग
में
ये
बैठक
आयोजित
होनी
थी,
लेकिन
कोरोना
महामारी
की
वजह
से
बैठक
नहीं
हो
पाई।
अब
17
नवंबर
को
बैठक
का
आयोजन
किया
जाएगा।
इस
बार
की
बैठक
वर्चुअल
होगी।
सभी
राष्ट्रों
को
इसके
बारे
में
जानकारी
दे
दी
गई
है।
साथ
ही
सभी
ने
बैठक
पर
सहमति
जताई
है।
हालांकि
भारत
सरकार
की
ओर
से
अभी
तक
पीएम
मोदी
के
हिस्सा
लेने
से
संबंधित
कोई
भी
जानकारी
नहीं
दी
गई
है।
पांच
महीने
से
लद्दाख
में
विवाद
जारी
आपको
बता
दें
कि
मई
की
शुरूआत
में
लद्दाख
में
भारत-चीन
के
बीच
विवाद
शुरू
हुआ
था,
जो
अभी
तक
जारी
है।
इस
दौरान
गलवान
घाटी
में
हिंसक
झड़पें
भी
हुईं,
जिसमें
भारतीय
सेना
के
20
जवान
शहीद
हुए,
जबकि
चीन
को
इससे
ज्यादा
नुकसान
उठाना
पड़ा।
आए
दिन
लद्दाख
में
युद्ध
जैसी
स्थिति
बनी
रहती
है।
हाल
में
LAC
के
पास
स्थिति
इतनी
ज्यादा
बिगड़
गई
थी
कि
सैनिकों
ने
हवाई
फायरिंग
तक
कर
दी
थी।