जानिए क्यों हुई 12 अफसरों पर मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक, लंबे समय से थी नजर
नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद ही निर्मला सीतारमण ने बड़ी कार्रवाई की। सोमवार को आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त, प्रधान आयुक्त समते 12 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इन अधिकारियों को नियम-56 के तहत रिटायर किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन अधिकारियों पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार, यौन उत्पीड़न, अवैध और बेहिसाब संपत्ति रखने के आरोप थे।
12 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 12 में से 8 अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है। ये पहला मौका है जब सरकार ने भ्रष्टाचार और अन्य गंभीर मामलों के आरोपी इतने अधिकारियों के खिलाफ ऐसा कदम उठाया है। इन 12 अधिकारियों में आई-टी के संयुक्त आयुक्त और प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व उप निदेशक अशोक अग्रवाल, एसके श्रीवास्तव, आयुक्त (अपील, नोएडा) और राजस्व सेवा के अधिकारी होमी राजवंश भी शामिल हैं।
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अशोक अग्रवाल पहले भी निलंबित रह चुके हैं
आई-टी के संयुक्त आयुक्त और प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व उप-निदेशक अशोक अग्रवाल को 1999 से 2014 तक निलंबित कर दिया गया था। इस अधिकारी पर कारोबारियों से अवैध वसूली और चंद्रास्वामी की मदद करने का आरोप रहा है। 1989 बैच के राजस्व सेवा के अधिकारी एसके श्रीवास्तव पर दो महिला कर्मचारियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था। उन्होंने कथित रूप से महिला कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी का आरोप लगाया और पूर्व सांसद जय नारायण निषाद के माध्यम से एक याचिका दायर की थी।
एसके श्रीवास्तव पर दो महिला कर्मचारियों का यौन उत्पीड़न
सरकारी डोजियर के मुताबिक, वे पिछले 10 सालों से केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल), हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 75 याचिकाएं दायर कर विभागीय जांच के मामलों के निष्कर्ष को लम्बा खींच रहे थे। वे अपने बैच साथियों और उनके जूनियर्स के पदोन्नति के मामलों को टालने के लिए UPSC तक जा चुके हैं। 8 मामलों में, हाईकोर्ट और CAT ने सख्त निर्देश और चेतावनी जारी की है और महिला अधिकारियों और अन्य उच्च अधिकारियों के खिलाफ आरोपों के लिए जुर्माना भी लगाया है। पूर्व निदेशक और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के सदस्यों के खिलाफ आरोपों के लिए एसके श्रीवास्तव को 15 दिनों का सिविल इंप्रिजनमेंट दिया गया था।
मोदी सरकार ने नियम 56 के तहत की कार्रवाई
राजस्व सेवा के अधिकारी होमी राजवंश ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार के जरिए 3.17 करोड़ रु की चल और अचल संपत्ति बनाई। राजवंश को इस मामले में गिरफ्तार किया गया और निलंबित कर दिया गया था, उन्होंने कथित तौर पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के मामले में लंबे समय तक विभिन्न तरीकों से अड़चनें पैदा कीं थी। जबरन रिटायर किए जाने वाले अन्य अधिकारियों में एबी अरुलप्पा, अशोक मित्रा, श्वेताभ सुमन, विवेक बत्रा, बी बी राजेंद्र प्रसाद, अजय कुमार सिंह और राम कुमार भार्गव शामिल हैं।