राज्यसभा में हंगामे पर 12 सांसद पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड, भड़कीं प्रियंका चतुर्वेदी
नई दिल्ली, 29 नवंबर: सोमवार से संसद का शीतकालानी सत्र शुरू हो गया है। आज से शुरू हुए इस सत्र के 23 दिसंबर तक चलने की संभावना है। शीतकालानी सत्र के पहले दिन विपक्ष के भारी हंगामे के बीच कृषि कानून वापस लिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा और राज्यसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पारित किया गया। इस बीच पिछले मानसूत्र सत्र में हंगामा करने वाले 12 सांसदों पर भी कार्रवाई की गई हैं, जिसके तहत शीतकालीन सत्र से इन 12 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिए गया है, जिसकी वजह से ये सांसद राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाएंगे।
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इन 12 राज्यसभा सांसदों में विपक्ष के एलामाराम करीम (सीपीएम), फूलो देवी नेतम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस), बिनॉय विश्वम (सीपीआई), डोला सेन और शांता छेत्री (टीएमसी), प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई (शिवसेना) का नाम शामिल हैं।
दरअसल, पिछले मानसून सत्र के दौरान हुए हंगामे के चलते यह कार्रवाई की गई है, जिसकी जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा में दी। वहीं इस निलंबित पर शिवसेना से सांसद प्रियंका चतुर्वेदी कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना पक्ष जाने इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
From Dist Court to Supreme Court, an accused is heard even there, lawyers are provided for them too, sometimes Govt officials are sent to take their version. Here our version wasn't taken: Shiv Sena MP Priyanka Chaturvedi - one of the 12 Rajya Sabha MPs suspended for this session pic.twitter.com/S9z7hVskpJ
— ANI (@ANI) November 29, 2021
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा किडिस्ट्रिक्ट कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक एक आरोपी को वहां भी सुना जाता है, उनके लिए वकील भी उपलब्ध कराए जाते हैं, कभी-कभी सरकारी अधिकारियों को उनका पक्ष लेने के लिए भेजा जाता है। यहां हमारा पक्ष नहीं लिया गया। उन्होंने आगे कहा कि सीसीटीवी फुटेज देखें तो यह रिकॉर्ड हो गया है कि कैसे पुरुष मार्शल महिला सांसदों को पीट रहे थे। एक तरफ ये सब और दूसरी तरफ आपका फैसला? यह कैसा असंसदीय व्यवहार है?
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वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने कहा कि यह निलंबन अनुचित और अन्यायपूर्ण है। अन्य दलों के अन्य सदस्य भी थे, जिन्होंने हंगामा किया, लेकिन अध्यक्ष ने मुझे निलंबित कर दिया। पीएम मोदी जैसा चाहते हैं वैसा ही कर रहे हैं क्योंकि उनके पास भारी बहुमत है।