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Pulwama attack: यूपी के ये 12 लाल देश के लिए हो गए न्योछावर, जानिए कहां के थे ये वीर बलिदानी

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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में शुक्रवार को हुए फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हो गई है। इस फिदायीन हमले में मारे गए 44 जवानों में सबसे अधिक (12) जवान उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के रहने वाले थे। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शहीद सैनिको को नमन करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने शहीद जवानों के परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।

श्याम बाबू

श्याम बाबू

हमले में शहीद हुए जवानों में एक नाम श्याम बाबू का भी है। डेरापुर थाना क्षेत्र के नोनारी गांव के मजरा रैगवां निवासी किसान राम प्रसाद के दो बेटों में श्यामबाबू बड़े थे। श्याम बाबू ने 2005 में सीआरपीएफ ज्वॉइन की थी। उस समय वह बीए फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट थे। उनके दो बच्चे हैं। श्याम बाबू की शादी 2012 में थाना अकबरपुर के जरैला गांव की रूबी के साथ हुई थी। श्याम बाबू के दो बच्चे हैं, जिनमें लकी 4 वर्ष और बेटी आरुषी छह महीने की है। मकान बनाने का काम चल रहा था, इसके चलते कुछ दिनों से श्याम बाबू छुट्टी पर आए थे। 29 जनवरी को ड्यूटी पर गए थे और 1 फरवरी को फिर से लौट आए थे। 10 फरवरी को फिर ड्यूटी पर चले गए थे। उनके परिवार ने जब टीवी पर देखा कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ हुआ है तो परिवार के सभी सदस्य घबरा गए और श्याम बाबू से संपर्क करने का प्रयास करने लगे।लेकिन उनकी बात श्याम से फोन पर नहीं हो पाई। फिर आई उनके शहीद होने की खबर।

अजीत कुमार आजाद

अजीत कुमार आजाद

उन्नाव के अजीत कुमार भी इस हमले में शहीद हो गए। वे लोक नगर इलाके के रहने वाले थे। अजीत 115 CRPF बटालियन के जवान थे। उनके परिवार में पत्नी मीना, दो बेटी ईशा (11) और रिषा (09) हैं। वो पांच भाइयों में सबसे बड़े थे। पिता प्यारे लाल, मां राजवती और पत्नी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

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प्रदीप सिंह यादव

प्रदीप सिंह यादव

पुलवामा में हुए हमले में कन्नौज के तिर्वा के सुखचैनपुर निवासी जवान प्रदीप सिंह यादव भी शहीद हो गए हैं। उनका परिवार कानपुर में रहता है। वर्तमान में कल्याणपुर थाना क्षेत्र स्थित बारासिरोही के रहने वाले प्रदीप यादव सीआरपीएफ में सैनिक के पद पर तैनात थे।परिवार में पत्नी नीरज यादव, बेटी सुप्रिया (09) और छोटी बेटी सोना (02) है। प्रदीप यादव 2004 में CRPF में भर्ती हुए थे। प्रदीप के पिता अमर सिंह सिपाही के पद से रिटायर्ड हैं। हमले के वक्त प्रदीप अपनी पत्नी से बात कर रहे थे। प्रदीप 10 फरवरी को छुट्टियां बिताकर वापस लौटे थे।

कौशल कुमार रावत

कौशल कुमार रावत

आगरा के ताजगंज इलाके के कहरई गांव के जवान कौशल कुमार रावत पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। 47 वर्षीय कौशल कुमार रावत 1991 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनके दो बेटे और एक बेटी है। बेटी की शादी हो चुकी है, पत्नी ममता और छोटे बेटे विशाल के साथ कौशल कुमार रावत गुड़गांव में रहते थे। जनवरी के अंत में कौशल का तबादला सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से जम्मू कश्मीर हुआ था। वह ट्रांसफर के बाद 15 दिन की छुट्टी काटकर गुड़गांव से 12 फरवरी को नई ज्वानिंग के लिए रवाना हुए थे। शहीद कौशल के परिवार के 20 लोग सीआरपीएफ और सेना में रहे हैं।

महेश कुमार

महेश कुमार

प्रयागराज के तुड़ीहर बदल गांव निवासी महेश कुमार 118 बटालियन में तैनात थे। इस हमले में महेश भी शहीद हुए हैं। महेश के दो बच्चे साहिल पांच साल व समर छह साल का है। पिता राजकुमार यादव ऑटो चालक हैं। पांच दिन पहले ही वह यहां आए थे। बीते मंगलवार को ही वह जम्मू-कश्मीर के लिए यहां से रवाना हुए। आत्मघाती हमले के तीन घंटे पहले यानी लगभग सवा 11 बजे महेश कुमार ने फोन कर अपनी पत्नी एवं बहन से बात की थी।

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अमित कुमार

अमित कुमार

शामली शहर के रेलपार इलाके के शहीद हुए जवान अमित कुमार का परिवार काफी गरीब है। छह भाई-बहनों में सबसे छोटे अमित 2017 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। वह अविवाहित थे। चंद रोज पहले ही अमित शामली आये थे और उनके रिश्ते के लिए बातचीत चल रही थी। 12 फरवरी को अमित ड्यूटी ज्वाइन करने वापिस कश्मीर लौटे थे। परिवार ने उनकी शादी के लिए तमाम सपने संजो रखे थे।

रमेश यादव

रमेश यादव

आतंकी हमले में शहीद होने वालों में वाराणसी जिले के चौबेपुर क्षेत्र के तोफापुर के लाल रमेश यादव (26) भी हैं। रमेश 12 फरवरी को घर से रवाना हुए थे। गुरुवार की शाम फ़ोन आया कि रमेश शहीद हो गए हैं तो बूढ़े पिता किसान श्याम नारायण गश खाकर जमीन पर गिर पड़े जबकि पत्नी रेनू अचेत हो गई। रेनू होश में आने पर बिलखते हुई बार-बार यही कह रही थी कि, उन्होंने कहा था पिता और परिवार के लोगों का ध्यान रखना।।।मैं सरहद पर देश की हिफाजत करूंगा। हादसे से कुछ देर पहले रमेश ने पत्नी रेनू और परिजनों से फोन पर बात की थी

विजय मौर्या

विजय मौर्या

देवरिया जिले के भटनी कस्‍बे के छपिया जगदीश गांव के रहने वाले विजय मौर्य (30) पुत्र रामायन मौर्य दस दिन की छुट्टी के बाद 9 फरवरी को ही वापस ड्यूटी पर लौटे थे। उनके जाने के पांचवें दिन उनके शहीद होने की खबर गांव में पहुंची, तो वहां कोहराम मच गया। वे सीआरपीएफ की 92वीं बटालियन में कांस्‍टेबल के पद पर तैनात रहे हैं। उनकी तैनाती वर्तमान में जम्‍मू कश्‍मीर के कुपवाड़ा में रही है। दो फरवरी को वे दस दिन के अवकाश पर गांव आए थे।

राम वकील

राम वकील

हमले में शहीद मैनपुरी के राम वकील के परिजनों के आंसू ही नहीं थम रहे हैं। शहीद राम वकील इसी महीने घर आए थे और 10 फरवरी को छुट्टी पूरी कर वतन की हिफाजत के लिए पुलवामा गए थे। राम वकील के परिवार में उनकी पत्नी गीता के अलावा तीन छोटे बच्चे हैं। गुरुवार को जैसे ही वकील राम के शहीद होने की खबर पहुंची तो घर में मातम छा गया। आतंकियों के हमले में शहीद राम वकील मूल रूप से गांव विनायकपुरा के रहने वाले हैं और उनका परिवार में इटावा में रह रहा है।

पंकज त्रिपाठी

पंकज त्रिपाठी

महाराजगंज के रहने वाले सीआरपीएफ जवान पंकज त्रिपाठी 4 दिन पहले ही ड्यूटी पर वापस लौटे थे। देर शाम उनकी मौत की खबर मिलते ही परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। पंकज त्रिपाठी महाराजगंज के हरपुरा गांव के टोला बेलहिया के रहने वाले थे।

अवधेश यादव

अवधेश यादव

पुलवामा में आतंकी हमले में उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के बहादुरपुर गांव का सीआरपीएफ जवान अवधेश कुमार यादव भी शहीद हो गए। आतंकी घटना से चंद घंटे पहले ही अवधेश की पत्नी व भाई से मोबाइल पर बात भी हुई थी। हादुरपुर गांव के किसान हरिकेश यादव के दो बेटे व दो बेटियों में दूसरे नंबर पर 34 वर्षीय अवधेश कुमार यादव की 2010 में सीआरपीएफ में भर्ती हुई थी। वह हेड कांस्टेबल के पद पर जम्मू कश्मीर में तैनात था। तीन दिन पहले ही वह एक दिन की छुट्टी लेकर घर आया था। परिवार में पिता हरिकेश यादव के अलावा मां मालती देवी है, जो कैंसर से पीड़ित है। दो बहनों की शादी हो चुकी है। छोटा भाई बृजेश यादव पढ़ाई कर रहा है। अवधेश की शादी तीन साल पहले सैयदराजा के पूरवा गांव निवासी जनार्दन यादव की बेटी शिल्पी के साथ हुई थी। उसका 3 साल का निखिल बेटा भी है।

प्रदीप कुमार

प्रदीप कुमार

शहीद जवान प्रदीप का मकान बनत के मोहल्ला प्रतापनगर में है। वर्ष 2003 में प्रदीप सीआरपीएफ की 21वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। उनकी ड्यूटी डल झील पर पर्यटकों की सुरक्षा में लगी थी। पत्नी कामिनी के अलावा प्रदीप के दो बेटे सिद्धार्थ (15) और चीकू (14) हैं। बड़ा बेटा इंटर में और छोटा कक्षा हाईस्कूल में पढ़ता है। प्रदीप चार दिन पहले ही अपने चचेरे भाई दीपक की शादी में शामील होने के लिए बनत आए थे। दो दिन पूर्व ही वह ड्यूटी पर गए थे। प्रदीप के परिजनों ने बताया की शाम को करीब 6:30 बजे उनके घर पर फोन आया था जिस पर उन्हें बताया गया कि आतंकियों द्वारा किए गए हमले में उनका बेटा प्रदीप शहीद हो गया।

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English summary
12 crpf jawans from uttar pradesh lost their lives in Pulwama Attack
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