पाकिस्तान बॉर्डर के करीब फाइटर जेट्स को दुश्मन की नजर से बचाने का प्लान
नई दिल्ली। पिछले दिनों जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान एयरफोर्स (पीएएफ) के फाइटर जेट्स दाखिल हुए। इन जेट्स का मकसद देश के मिलिट्री संस्थानों को निशाना बनाना था। अब दुश्मन की तरफ से फाइटर जेट्स पर होने वाले मिसाइल हमले या किसी तरह की बॉम्बिंग से उन्हें बचाने के लिए, पक्के शेल्टर्स बनाए जाएंगे। इन शेल्टर्स में ही फाइटर जेट्स को दुश्मन से सुरक्षित रखा जाएगा। न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है।
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110 पक्के शेल्टर्स होंगे तैयार
एएनआई ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत, चीन और पाकिस्तान से सटे बॉर्ड्स पर करीब 110 पक्के शेल्टर्स बनाएगा। आईएएफ के इन शेल्टर्स में ही ही जेट्स को रखा जाएगा ताकि एयरबेस पर हुए दुश्मन के किसी भी हमले से जेट्स को बचाया जा सके। एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि केंद्र सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी जा चुकी है। ये शेल्टर्स जिन्हें ब्लास्ट पेन्स के नाम से भी जानते हैं, वे फाइटर जेट्स को दुश्मन के हमले से बचाएंगे।
5,000 करोड़ से ज्यादा का खर्च
इस प्रोजेक्ट की लागत 5,000 करोड़ से भी ज्यादा की होगी। ब्लास्ट पेन्स एयर बेसेज पर फेज के तहत तैयार किए जाएंगे। इन शेल्टर्स की वजह से सुखोई जैसे फाइटर जेट्स को फॉरवर्ड बेसेज पर रखा जा सकेगा। साथ ही किसी भी तरह के नुकसान की भी चिंता नहीं होगी। अभी तक इस तरह की फैसिलिटी एयरफोर्स के पास नहीं है और इस वजह से ही पाकिस्तान से सटी फॉरवर्ड लोकेशंस पर सुखोई जैसे जेट्स को रखा नहीं जा सकता। ब्लास्ट पेन्स यानी पक्के शेल्टर्स ठोस कंक्रीट वॉल्स के होते हैं और ये इतने मजबूत होते हैं कि दुश्मन के किसी भी हमले को झेल सकते हैं।
65 की लड़ाई में आईएएफ ने झेला था नुकसान
27 फरवरी को पीएएफ ने देश के मिलिट्री संस्थानों को निशाना बनाने के मकसद से जम्मू कश्मीर में एयर वॉयलेशन किया था। 26 फरवरी को बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक का जवाब देने के मकसद से पीएएफ ने हमला लॉन्च किया था। सन 1965 की लड़ाई में आईएएफ को कई सारे एयरक्राफ्ट का नुकसान झेलना पड़ा था क्योंकि सारे एयरक्राफ्ट खुले में रखे रहते थे। तब से ही आईएएफ ब्लास्ट पेन्स के निर्माण में लगी है।