101 पूर्व नौकरशाहों ने राज्यों के सीएम को लिखी चिट्ठी, कहा- कोरोना के नाम पर हो रहा मुस्लिमों का उत्पीड़न
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकरों के सामने 101 पूर्व नौकरशाहों ने तबलीगी जमात से जुड़े सदस्यों और मुस्लिमों के साथ होने वाले 'उत्पीड़न' का मुद्दा उठाया है। पूर्व नौकरशाहों ने एक पत्र में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि वह इस मामले पर को गंभीरता से लें। पत्र में उन्होंने कोरोना संकट के बीच तबलीगी जमात द्वारा आयोजित कार्यक्रम को 'एक भटका हुआ एवं निंदनीय' कृत्य बताया है लेकिन मीडिया के एक वर्ग द्वारा कथित तौर पर मुसलमानों के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार को 'बिल्कुल गैर जिम्मेदाराना और निंदनीय' करार दिया है।
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गौरतलब है कि पिछले महीने 25 मार्च को लॉकडाउन घोषित होने के बाद 28 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से 2 हजार से ज्यादा तबलीगी जमात के सदस्यों को मिस्जिद से निकाला गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देशभर से आए तबलीगी जमात के कई सदस्यों ने करीब 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना का संक्रमण फैलाया। इस घटना से देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धी हुई, जिसके बाद तबलीग के सदस्यों को देश की नाराजगी झेलनी पड़ रही है।
अब 101 पूर्व नौकरशाहों ने राज्य सरकारों को एक खुले पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस से उत्पन्न हुए भय और असुरक्षा को हथियार बनाकर मुसलमालों को देश के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है ताकि कथित तौर पर बाकी लोगों को सुरक्षित रखा जा सके। पत्र में कहा गया है कि पूरा देश वर्तमान में एक अप्रत्याशित सदमे को झेल रहा है, इस महामारी से अगर हमें बाहर निकलना है तो हमें एकजुट होकर एवं एक दूसरे की मदद से ये जंग जीतनी होगी।
पत्र में कहा गया है कि हम देश के कुछ हिस्सों में मुस्लिमों के साथ होने वाले उत्पीड़न को लेकर बहुत दुखी है, विशेषकर नई दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात की बैठक के बाद मुस्लिमों के साथ होने वाले भेदभाव से। नौकरशाहों ने आगे लिखा कि जब देश में COVID-19 के मामले उभरने शुरू हो गए थे, तब सामाजिक दूरी के नियमों को का उल्लंघन करने पर जमात की आलोचना की गई थी। राजनीतिक और धार्मिक सभाओं में यह एक मात्र बैठक थी जिसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई।
अखिल भारतीय, केंद्रीय सेवाओं से जुड़े रहे इन 101 पूर्व नौकरशाहों ने पत्र में आगे कहा, 'वे किसी राजनीतिक विचारधारा से जुड़े नहीं हैं, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में मुसलमानों के उत्पीड़न की खबर की ओर ध्यान आकृष्ट करते हैं। बता दें कि पत्र लिखने वाले नौकरशाहों में पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह, पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर, पूर्व आईपीएस एस दुलत और जूलियो रिबोरियो, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी शामिल हैं।
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