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परमाणु युद्ध की आशंका से हलक में आई गई है 10 करोड़ लोगों की जान

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बेंगलुरू। पाकिस्तान की गीदड़भभकी का असर है कि दुनिया भर में भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होने और उसके परिणामों को लेकर बहस छिड़ गई है। एक ताजा रिपोर्ट पर भरोसा करें तो उसके मुताबिक अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कभी युद्ध हुआ तो इस युद्ध से 10 करोड़ लोगों की जान जा सकती है। यह रिपोर्ट वर्ष 2025 में भारत-पाक के बीच परमाणु युद्ध की संभावना के आधार पर बनाई गई है।

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हालांकि रंगा सियार पाकिस्तान कभी ऐसा कदम उठा पाएगा इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, लेकिन लोकतंत्र और तानाशाही प्रवृत्ति में पलक झपकते बदल जाने की फितरत वाले पाकिस्तान के लिए कोई भी कयास लगाना बेमानी ही है। यह खतरा तब और बढ़ जाता है जब पूरी दुनिया में आतंकवादी गतिविधि का केंद्र पाकिस्तान आज भीबना हुआ हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की आशंका की सुगबुगाहट दुनिया में तब से शुरू हो गई है जब जम्मू-कश्मीर प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 और 35 ए को भारत सरकार ने हटाने का निर्णय किया। भारत के इस कदम से पाकिस्तान के पैरों के नीचे से जैसे जमीन खिसक गई हो। पाकिस्तान ने बौखलाइट तब से शुरू हुई और अब परमाणु बम हमले की धमकी पर आकर रूकी है।

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गौरतलब है पाकिस्तान पूरी दुनिया से जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर भारत सरकार फैसले के विरूद्ध मदद की गुहार लगा चुका है, लेकिन दुनिया कोई भी देश आतंक पोषित पाकिस्तान के साथ अब तक खड़ा नहीं हुआ। यहां तक कि पाकिस्तान के साथ कोई मुस्लिम राष्ट्र भी नहीं आया है। पाकिस्तान की हालत ऐसी हो गई कि वह पाकिस्तानी न अवाम को अपना मुंह दिखा पा रही थी और न ही दुनिया में कोई उसका मुंह देखना चाहता था।

पाकिस्तान के पास एक ही चारा था, जिससे वह संयुक्त राष्ट्र और पूरी दुनिया का ध्यान खुद की ओर आकृष्ट कर सकता था। इसका फायदा उठाते हुए पाकिस्तान ने पड़ोसी मुल्क भारत को परमाणु युद्ध की धमकी देना शुरू कर दी, क्योंकि पाकिस्तान भारत के साथ लड़े अब तक के सभी युद्ध बुरी तरह हार चुका है।

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माना जा रहा है कि पाकिस्तान के पास भारत पर दवाब बनाने के लिए परमाणु युद्ध की धमकी देने के अलावा कोई चारा भी नहीं है। यही वजह है कि दुनिया भर के देश भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध और उसके परिणामों को लेकर रिसर्च करने में लग गए हैं।

उल्लेखनीय है भारत सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने का प्रस्ताव पास किया था। इसके बाद पाकिस्तान बौखलाकर पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक, व्यापारिक और परिवहन जैसे सभी रिश्ते तोड़ लिए। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूरी दुनिया से भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय मसले पर हस्तक्षेप की गुजारिश की, लेकिन जब उसे कहीं से कोई मदद नहीं मिला।

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ऐसे में पाकिस्तान की मजूबरी हो गई कि अपनी बात मनवाने के लिए कुछ ऐसा करे, जिससे दुनिया की नजर उसकी ओर पड़े। पाकिस्तान द्वारा भारत को परमाणु हमले की धमकी देना इसी से जुड़ा हुआ है। हालांकि पाकिस्तान की गीदड़भभकी का जवाब देते हुए भारत ने भी साफ कर दिया है कि अगर पाकिस्तान किसी भी तरह का दुस्साहस करने की कोशिश करता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

वैसे, पाकिस्तान के चाल, चरित्र और हरकतों से वाकिफ दुनिया वाकिफ है कि पाकिस्तान की धरती से कुछ संभव है, क्योंकि इस्लामिक देश पाकिस्तान में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ने में देर नहीं लगती है। यह माना जाता है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र महज एक दिखावा है, जहां राज असल में पाकिस्तानी सेना और वहां खुफिया एजेंसी आईएसआई करती हैं और प्रधानमंत्री पद महज कठपुलती होता हैं।

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ऐसे में दुनिया भी पाकिस्तान के परमाणु धमकी को हल्के में लेने को तैयार नहीं है। इसके पीछे एक तर्क यह भी कि आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह से त्रस्त चल रहे पाकिस्तान के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। यही कारण है कि दोनों देशों के बीच तनाव के बीच परमाणु युद्ध की संभावना पर वैज्ञानिकों को एक रिपोर्ट तैयार करना पड़ा है, जिसमें काफी डराने वाले आंकड़े पेश किए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है अगर भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होता है तो 10 करोड़ से अधिक लोग मारे जाएंगे।

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'साइंस एडवांस' में प्रकाशित उक्त रिपोर्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच अगर परमाणु युद्ध की स्थिति बनती है, तो दोनों ही देशों को काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। रिपोर्ट को तैयार करने वाले रटगर्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एलन रोबॉक और अन्य वैज्ञानिकों के मुताबिक युद्ध के दौरान जो नुकसान होगा, उसके बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन युद्ध के बाद भी लाखों लोग कई वर्षों तक परमाणु युद्ध से निकले विकिरणों से मारे जाते रहेंगे। परमाणु बमों के विकिरणों से कई पीढ़ियां बर्बाद होती है, क्योंकि इसका असर गर्भ में पल रहे बच्चों तक भी पड़ता है और नवजात बच्चे भी विकृति के साथ पैदा होते हैं।

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वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध की स्थिति आई और दोनों देशों ने एक दूसरे के ऊपर परमाणु हमला किया तो इसका असर कई दशक तक रहेगा। परमाणु बम से निकले विकिरणों के कारण पृथ्वी पर पहुंचने वाली सूरज की रोशनी की मात्रा में काफी कमी आ जाएगी, जिसकी वजह से बारिश में भी गिरावट आएगी। इन सबका सीधा असर जमीन पर पड़ेगा और खेती तबाह हो जाएगी और महासागरीय उत्पादकता में भयानक गिरावट आएगी। लोगों में विकिरणों से उत्पन्न होने वाली बीमारियां घर करेंगी। इनमें कैंसर प्रमुख हैं।

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शोधकर्ताओं के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के पास 400-500 परमाणु हथियार मौजूद हैं। युद्ध की स्थिति में अगर इन हथियारों का इस्तेमाल किया गया, तो इसका प्रभाव वैश्विक पर्यावरण के लिए विनाशकारी होगा। रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया पर परमाणु युद्ध का प्रभाव शरीर के जीवन रक्षक उपकरणों पर सबसे पहले पड़ेगा, जिससे उबरने में दोनों देशों के सरकारों को काफी वक्त लग सकता है। जापान के हिरोशिमा में हुए परमाणु बम धमाके का नजीर हमारे सामने हैं, जहां कई दशकों के बाद भी जिंदगी आसान नहीं रह गई है।

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भारत और पाकिस्तान नहीं पड़ोसी देशों पर भी पड़ेगा असर

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परमाणु युद्ध की स्थिति में भारत और पाकिस्तान जहां पीड़ित होंगे ही, उसकी जद में पड़ोसी देश भी आएंगे। क्योंकि परमाणु युद्ध की स्थिति में विस्फोटकों से निकलने वाला धुआं 16 से 36 मिलियन टन काला कार्बन छोड़ सकता है। इस कार्बन की तीव्रता इतनी तेज होगी कि कुछ ही हफ्तों में दुनिया भर में इसका असर देखने को मिलेगा।ऐसी स्थिति में जिन देशों का इस युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है, वहां भी लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

परमाणु बम के असर से पृथ्वी पर कम पहुंचेगा सूरज का ताप

परमाणु बम के असर से पृथ्वी पर कम पहुंचेगा सूरज का ताप

परमाणु बमों के विस्फोट से वायुमंडल में कार्बन भारी मात्रा में सोलर रेडिएशन को इकट्ठा कर लेगी, जिससे हवा में अधिक गर्मी आ जाएगी और धुंआ आगे नहीं निकल पाएगा। इसके परिणाम यह होगा कि पृथ्वी तक पहुंचने वाली धूप में 20 से 35 प्रतिशत की गिरावट आएगी। इसके कारण बारिश में कम होगी।

घातक विकिरणों के असर से सूख जाएंगी प्राकृतिक वनस्पतियां

घातक विकिरणों के असर से सूख जाएंगी प्राकृतिक वनस्पतियां

वायुमंडल में कार्बन की मात्रा बढ़ जाने के कारण सूरज की रोशनी जमीन तक नहीं पहुंचेगी और बारिश भी न के बराबर होगी। ऐसे में गर्मी की तपिश से जमीन सूख जाएगी और खेती पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। इस वजह से वनस्पति विकास और महासागर उत्पादकता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

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English summary
After removal of article 370 from Jammu and kashmir state pakistan given threat to india as well as world for nuclear war. Pakistan helpless to get help from anywhere of the world.
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