मदुरई में हुआ मंदिर पर्व, प्रसाद के लिए दी गई 100 बकरों और 600 मुर्गों की बलि
चेन्नई। रेड्डी और नायडू समुदायों के बीच दशकों पुराने सामुदायिक विवाद को खत्म करने के लिए मदुरई में शनिवार को एक टेंपिल फेस्टिवल का आयोजन किया गया था। यहां लगभग 8000 लोगों को खाने का इंतजाम किया गया। यहां प्रसाद के रूप में मटन बिरयानी बांटी गई। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार ये आयोजन शहर भर के होटल मालिकों ने किया था। यहां के राजविला होटल के मालिक एनपी रामास्वामी ने बताया कि हम रोज के पहले ग्राहक से हुई कमाई को अलग रख देते हैं। उसी से इकट्ठे हुए पैसे से ये आयोजन किया गया है। इस टेंपिल फेस्टिवल को मनाए जाने के पीछे मुन्यांदी नाम के देवता को धन्यवाद कहना होता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया का रिपोर्ट के अनुसार इस साल फेस्टिवल के लिए लगभग 4 टन चावल, 100 बकरों और 600 मुर्गों का प्रयोग बिरयानी बनाने के लिए किया गया। इस पशुओं की बलि देकर इसे प्रसाद के रूप में परोसा गया। दक्षिण भारत में आज लगभग 1500 मुन्यांदी होटल हैं जो मांसाहारी खाना परोसते हैं। सबसे पहले 1937 में वड़कमपत्ती गांव के एक शख्स ने ये होटल खोला था जो काफी फायदे में रहा। तब से सारा गांव इसी काम को करने लगा। ऐसे में गांवभर में कई मुन्यांदी होटल खुल गए।
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