किसान आंदोलन के 100 दिन: राकेश टिकैत ने दिखाए तेवर, कहा- आखिरी सांस तक संघर्ष करेंगे
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के आज 100 दिन पूरे हो गए हैं।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के आज 100 दिन पूरे हो गए हैं। इस मौके पर किसानों ने शनिवार को कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को ब्लॉक कर विरोध प्रदर्शन किया। किसान संगठनों ने पहले ही ऐलान किया हुआ था कि वो शनिवार सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे ब्लॉक करेंगे। किसानों ने कहा कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की कमान संभाल रहे राकेश टिकैत ने भी ट्वीट कर आंदोलन जारी रखने की बात कही है।
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राकेश टिकैत ने अपने ट्वीट में लिखा, 'किसान संघर्ष के 100 दिन, समाधान तक आखिरी सांस तक संघर्ष करेंगे। लड़ेंगे, जीतेंगे। समस्त किसान भाइयों को हृदय से आभार, जिन्होंने अपने परिवार से ज्यादा राष्ट्र को सर्वोपरि माना और किसान को बचाने के लिए पूर्ण सहयोग दिया।' गौरतलब है कि इस समय दिल्ली की कई सीमाओं पर किसानों का आंदोलन चल रहा है, जिनमें से गाजीपुर बॉर्डर की कमान राकेश टिकैत ने संभाली हुई है। कृषि कानूनों के खिलाफ पहले पंजाब और हरियाणा के किसानों ने आंदोलन शुरू किया था, लेकिन बाद में वेस्ट यूपी के किसान भी आंदोलन में शामिल हो गए।
'सरकार
बातचीत
के
लिए
तैयार,
लेकिन
रद्द
नहीं
होंगे
कानून'
वहीं,
दूसरी
तरफ
केंद्र
सरकार
भी
स्पष्ट
तौर
पर
कह
चुकी
है
कि
वो
कानूनों
में
संशोधन
के
लिए
तैयार
है,
लेकिन
कानून
रद्द
नहीं
होंगे।
केंद्रीय
कृषि
मंत्री
नरेंद्र
सिंह
तोमर
ने
हाल
ही
में
बयान
दिया
था
कि
सरकार
किसानों
से
बातचीत
के
जरिए
समस्या
का
समाधान
निकालने
के
लिए
तैयार
है।
इसके
साथ
ही
नरेंद्र
सिंह
तोमर
ने
कहा
कि
किसानों
के
बीच
कृषि
कानूनों
को
लेकर
भ्रम
फैलाया
गया
है।
तीनों
कृषि
कानून
देश
के
किसानों
की
आय
बढ़ाने
और
उन्हें
सुरक्षा
प्रदान
करने
के
मकसद
से
लाए
गए
हैं।
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